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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर लगा रेप का आरोप, BJP नेता बताया बेबुनियाद

नई दिल्ली। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा पर 17 साल की नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में पॉस्को (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। बेंगलुरु के सदाशिवनगर में पुलिस ने नाबालिग की मां की शिकायत के आधार पर वरिष्ठ BJP नेता के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।

सूत्रों के मुताबिक लड़की ने आरोप लगाया है कि 2 फरवरी को जब वह और उसकी मां धोखाधड़ी के एक मामले में सहायता मांगने के लिए 81 वर्षीय नेता के पास गईं तो उसके साथ मारपीट की गई। FIR के मुताबिक, BJP नेता ने लड़की को कमरे में बुलाकर कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया।

अपने ऊपर लगाए गए आरोप पर येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) का भी बयान आया है. पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले की शिकायत की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘मैंने शिकायतकर्ता की आर्थिक मदद की. टाइमिंग संदिग्ध है, क्योंकि FIR चुनाव से ठीक पहले दर्ज की गई है।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि लड़की धोखाधड़ी के कुछ मामलों में मदद मांगने उनके पास आई थी। हालांकि, उसने उससे ठीक से बात नहीं की, जिससे उसे लगा कि वह मानसिक रूप से ठीक नहीं है।

पुलिस ने बताया कि लड़की की मां ने पहले भी अलग-अलग लोगों के खिलाफ 50 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनमें उससे कथित तौर पर दुर्व्यवहार और गालीगलौज करने के लिए बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और उनके स्टाफ सदस्यों के खिलाफ दर्ज करायी गई शिकायत भी शामिल है।

पुलिस ने बताया कि ताजा मामले में 2 कथित वीडियो भी सामने आए हैं, जो पीड़ित लड़की द्वारा बनाए प्रतीत होते हैं जब वह अपनी मां के साथ येदियुरप्पा से उनके आवास पर मिलने गयी थी। एक वीडियो में लड़की की मां को येदियुरप्पा को ‘अप्पा जी’ कहते और उन्हें यह बताते हुए सुना गया कि वह शिवमोग्गा से है। लड़की की मां ने कथित तौर पर येदियुरप्पा से कहा कि उसके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है, जो मुकदमेबाजी में फंस गई है और उसने उनसे मदद मांगी। दूसरे वीडियो में, लड़की की मां येदियुरप्पा के घर में प्रवेश करने के बाद उनके बगल में बैठे हुए और उनका हाथ पकड़े हुए दिखी।

वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि महिला उनसे मिलने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उसे उनके घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी। उन्होंने कहा, ‘जब वह रो रही थी तो मैंने उसे अपने घर में बुलाया और पुलिस आयुक्त बी दयानंद से बात की कि उसके साथ कुछ अन्याय हुआ है। हालांकि, जब उसने मेरे सामने ही मेरे खिलाफ बोलना शुरू किया तो मैंने निष्कर्ष निकाला कि यह महिला सही नहीं है।’

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