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Category: ब्लॉग

मोबाइल के बाहर भी हैं वाट्सएप विश्वविद्यालय

अशोक शर्मा पिछले करीब दस वर्षों से भारत में वाट्सएप यूनिवर्सिटी के तो खूब चर्चे होते आये हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को पता था कि इसके समांतर ही देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के जरिये भी ज्ञानगंगाएं प्रवाहित हो रही है जो युवाओं को उसी तरह से दीक्षित कर रहे हैं जैसे कि वाट्सएप विवि। […]

घातक प्रभावों से सुरक्षा मानवीय अधिकार

सुभाष कुमार यह जानते हुए भी कि प्रकृति के साथ इंसानी क्रूरता से उपजे ग्लोबल वार्मिंग संकट ने हमारे दरवाजे पर दस्तक दे दी है, हमारी सरकारें इस गंभीर चुनौती के मुकाबले को लेकर उदासीन नजर आती हैं। आज दुनिया में हर साल करोड़ों लोगों को अतिवृष्टि, अनावृष्टि, सूखे, बाढ़ व चक्रवातों की वजह से […]

चीन की हरकतों से भारत सतर्क रहे

अरूण शर्मा चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक ओर वह अपने गिरती अर्थव्यवस्था के बावजूद अपने रक्षा बजट में इजाफा करता जा रहा है। तो दूसरी ओर भारत के साथ सीमा विवाद को सुलझाने की बजाय उलझाने की फितरत में रहता है। इस बार तो उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल […]

मोबाइल और पढ़ाई को एक साथ कैसे मैनेज करें- आलोक सतीश श्रीवास्तव

एस•के•मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के कार्यालय आयोजित मासिक बैठक को सम्बोधित करते हुए संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आलोकसतीश श्रीवास्तव ने बच्चों को उनकी आगामी परीक्षाओं और नए सत्र की पढ़ाई हेतु सम्बोधित करते हुए “पढ़ाई और मोबाइल में सामंजस्य” को लेकर कहा कि “आज का हर इंसान अपनी लाइफ में सक्सेसफुल बनना चाहता है […]

कोविड वैक्सीन- स्वास्थ्य व्यवस्था का राजनीतिकरण

अशोक शर्मा लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को हम हमेशा राजनैतिक उदासीनता से जोड़ कर देखते आ रहे हैं। यह भी सच है क्योंकि स्वास्थ्य कभी एक राजनैतिक मुद्दा बना नहीं। लेकिन कोविड वैक्सीन को लेकर जिस तरह दोनों तरफ से राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश हुई है वो एक खराब परिपाटी की शुरुआत है। वैक्सीन को […]

आयुष्मान भारत की यात्रा

ममता सिंह बीते तीस अप्रैल को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जिसे आयुष्मान भारत योजना के नाम से भी जाना जाता है, के छह वर्ष पूरे हो गये। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर 50 करोड़ से अधिक लोगों को पांच लाख रुपये के सालाना स्वास्थ्य बीमा मुहैया करायी जा रही है। उल्लेखनीय है […]

जल संकट- जीवन एवं कृषि खतरे में

 – ललित गर्ग मानवीय गतिविधियों और क्रिया-कलापों के कारण दुनिया का तापमान बढ़ रहा है और इससे जलवायु में होता जा रहा परिवर्तन। जो मानव जीवन के हर पहलू के साथ जलाशयों एवं नदियों के लिए खतरा बन चुका है। जलवायु परिवर्तन का खतरनाक प्रभाव गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र  सहित प्रमुख जलाशयों और नदी घाटियों […]

हादसों की खूनी सड़कों पर डरावनी रिपोर्ट

 -ललित गर्ग सड़क हादसों पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की डरावनी, चिन्ताजनक एवं  भयावह रिपोर्ट आई है। इसके मुताबिक, पिछले साल 4.61 लाख सड़क हादसे हुए। इन दुर्घटनाओं में 1.68 लाख लोगों ने जान गंवाई। इन आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि तकरीबन हर एक घंटे में 53 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। […]

तबाही ला सकती हैं ग्लेशियर झीलें

विनोद कुमार पिछले साल सिक्किम में लहोनक ग्लेशियर झील फटने की घटना पुरानी नहीं है जिसमें 180 लोगों के मरने व पांच हजार करोड़ के नुकसान की खबर थी। इसी तरह केदारनाथ में चौराबाड़ी ग्लेशियर झील फटने से हजारों लोगों की जल प्रलय में मौत हुई थी। 2021 में उत्तराखंड की नीति घाटी में ग्लेशियर […]

सेल्‍फी के लिए आए दिन युवाओं की जा रही जान

अमन भारत वीडियो बनाने के दौरान ऐसा लगता है कि विवेक का उपयोग करने के बजाय इस तरह की भेड़चाल में शामिल हो गए लोगों के पास सही वक्त पर फैसला लेने की क्षमता भी नहीं बचती और इसी क्रम में वे किसी जानलेवा हादसे का शिकार हो जाते हैं। अपनी दिलचस्पी या फिर खुशी […]

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