Date:

राममय हुई अयोध्या, घर के दरवाजों से लेकर दुकानों के शटर तक सिर्फ राम ही राम

गूंज रहा राम का नाम

अयोध्या में दिख रही दीपावली सी रौनक

अयोध्या। अध्यात्म से परिपूर्ण रामनगरी में पौष मास, शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि से श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का शुभारंभ हो गया। इस अयोध्या की हर दुकान, हर मकान, हर सडक़, हर रास्ते पर सिर्फ जय श्रीराम की आध्यात्मिक अनुभूति महसूस की जा रही है तो विरासत और आधुनिकता का समावेश बैठाती नव्य अयोध्या भी दिख रही है। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राममय हुई आधुनिक अयोध्या त्रेतायुगीन वैभव सी सजने लगी है तो वहीं रामपथ की दुकानों पर फहरा रही राम पताका बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। महज चार दिन और शेष, जब श्रीरामलला अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो यकीनन दृश्य बेहद भव्य होगा। यह सोच कर ही रामभक्तों का रोम-रोम पुलकित हो उठ रहा है। यहां तक की विंटेज आर्टिस्टिकली क्राफ्टेड स्ट्रीट लाइट लैंप पोल पर भी राम की पताका फहरा रही है।  जैसे दीपावली के पहले रंगते-पुतते घरों की साज-सज्जा समेटी जाती है, अयोध्या के लिए भी समय कम और काम बहुत अधिक है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में 4 दिन शेष हैं।

सरयू के तटों पर मकर संक्रांति की रौनक ने जैसे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का मंगलाचरण कर दिया है। यहां घाटों पर श्रीराम की स्तुतियां, भजन और मंदिर निर्माण के लिए हुए अथक संघर्ष के विजय गीत गूंज रहे हैं। रामघाट से अयोध्या में प्रवेश करते समय दिख रही रौनक दीवाली सी अनुभूति भी करा रही है। ’अयोध्या अब सजने लगी है’, ’अयोध्या के राजा भारत है आपका-महलों में आओ, स्वागत है आपका’ आदि गीत श्रद्धालुओं के रोम-रोम को पुलकित कर रहे थे।  विरासत और आधुनिकता का समावेश बैठाती नव्य अयोध्या में विंटेज आर्टिस्टिकली क्राफ्टेड स्ट्रीट लाइट लैंप पोल लगाया जा रहा है। यह देखने में आकर्षक तो है ही, इस पर भी श्रीराम का धनुष बाण अलग ही सौंदर्य बयां कर रहा। सज रही आधुनिक अयोध्या में इस लैम्प तक पर धनुष बाण और राम पताका फहर रही है, जो खुद ही बरबस ध्यानाकृष्ट कर रही है।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब रामनगरी को सजाने की पहल शुरू की तो ही उनके जेहन में था कि रामनगरी अब त्रेतायुगीन वैभव का अहसास कराए। ऐसे में, छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखा गया।

रोड चौड़ीकरण के उपरांत जब नए सिरे से दुकानें सजाई गईं तो उसके शटर पर भी राम-जयश्रीराम और ध्वजा की आकृति बनाई गई। उस वक्त तो यह सिर्फ पेंटिंग ही रही पर जब योगी आदित्यनाथ की इस परिकल्पना को बाहर से आए लोगों ने देखा तो इस पहल के कायल हो गए और उनके मुख से यही निकला कि योगी आदित्यनाथ ने आधुनिक अयोध्या की दीवारों तक को राम नाम में रंग दिया है।  यहां जीर्णोद्धार किए जा रहे मकान-दुकान और मंदिरों पर लगाए जाने वाले पत्थरों पर भी जय श्रीराम की गूंज है। हनुमानगढ़ी से पहले सब्जी मंडी के समीप सप्तसागर कॉलोनी के पास के मकान हों या तुलसी उद्यान के पीछे की कॉलोनी, यहां पर भी लगाए गए दरवाजे रामनाम से अतिथि देवो भव के रूप में स्वागत कर रहे हैं। किसी मकान के दरवाजे पर श्रीराम तो किसी पर गजानन महराज की फोटो लगी है। रामनगरी में ठहरने वालों के लिए बनाए गए होम स्टे-गेस्ट हाउस आदि पर इसी आकृति से आगन्तुकों का स्वागत हो रहा है।

मकर संक्रांति पर स्नान करने आईं बस्ती की मनोरमा हों या गोरखपुर की गीता। देवरिया से आए रामप्रसाद भी सरयू स्नान के पश्चात मंदिर दर्शन करने जा रहे थे। काफी वर्षों बाद यहां आए रामप्रसाद रामपथ पर दीवारों का एक सा रंग देख अनुभूति कर रहे हैं कि त्रेतायुगीन अयोध्या ऐसी ही रही होगी। इन रास्तों पर सजी दुकानों पर फहरा रही केसरिया पताका देख श्रद्धालु भी जयश्रीराम का उद्घोष कर रहे थे। वे इसका श्रेय योगी आदित्यनाथ को देते हुए कहते हैं कि म्यूरल पेंटिंग्स, फ़साड लाइट आदि से रामनगरी और भव्य हो गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top