नई दिल्ली: दस साल के अंतराल के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में, 90 सदस्यों में से केवल तीन महिलाएं चुनी गईं। इनमें से एक महिला शगुन परिहार जम्मू क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं, जबकि अन्य दो महिलाएं फिरदौस और सकीना इट्टू कश्मीर संभाग से नेशनल कॉन्फ्रेंस की सदस्य हैं।
शगुन परिहार
किश्तवाड़ से भाजपा प्रत्याशी शगुन परिहार सबसे कम आयु की विधायक बनी हैं। वह आतंकियों की गोली का शिकार हुए भाजपा के पूर्व राज्य सचिव अनिल परिहार के परिवार से हैं।
शमीम फिरदौस
नेशनल कॉन्फ्रेंस की शमीम फिरदौस कश्मीर की पहली महिला बनी हैं, जिन्होंने लगातार तीन विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की है। शमीम जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष हैं और 2008 में वह मंत्री भी रही हैं।
सकीना इट्टू
सकीना इट्टू के पिता वली मोहम्मद इट्टू भी एक राजनेता थे, जिन्हें 1994 में आतंकवादियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी।
इल्तिजा मुफ्ती
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवाराबिजबिहारा सीट नहीं बचा पाईं। इल्तिजा मुफ्ती को नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद शाह वीरी से 9,770 वोट से हार का सामना करना पड़ा।
महिला प्रतिनिधित्व
ये तीन महिलाएं 90 सदस्यीय सदन में जीत कर आई हैं, जिससे महिला प्रतिनिधित्व 3.33 प्रतिशत हो गया है। डीएचपोरा से सकीना इट्टू ने 17,449 वोट से सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। हब्बाकदल से शमीम फिरदौस 953 वोट से जीती हैं, जबकि भाजपा की शगुन परिहार की जीत का अंतर 521 वोट रहा। 2014 तक हुए 10 विधानसभा चुनावों में केवल 12 महिलाएं ही विधानसभा पहुंच पाई थीं। अब यह संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी।