Date:

फिर भी निशाना कांग्रेस

दोनों सदनों में मोदी के भाषण का सार रहा कि कांग्रेस भले आज बेहद कमजोर हो और कुछ बौद्धिक क्षेत्रों को छोड़ कर नेहरू की विरासत को शायद ही कहीं याद किया जाता हो, लेकिन भाजपा अब भी इन दोनों को ही अपनी प्रमुख चुनौती मानती है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों सदनों में निशाने पर कांग्रेस को रखा। पार्टी को गुजरे जमाने की कहानी बताया। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खडग़े जैसे नेताओं का मखौल भी उड़ाया। मोदी की इस शैली को अनेक लोग संसदीय मर्यादा के अनुरूप नहीं मानते। लेकिन अब उनकी इस शैली से देश भलि-भांति परिचित हो चुका है। यह अपेक्षा अब शायद ही किसी को रहती होगी कि कम-से-कम संसद में बोलते वक्त नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री के अनुरूप बोलेंगे। इसलिए इस बिंदु को छोड़ते हुए उन्होंने जो कहा, उसके मतलब समझने पर लोग अब अधिक ध्यान देते हैं। इस बार दोनों सदनों में दिए उनके भाषण का सार रहा कि कांग्रेस भले आज बेहद कमजोर हो चुकी हो और कुछ बौद्धिक क्षेत्रों को छोड़ कर जवाहर लाल नेहरू की विरासत को शायद ही कहीं याद किया जाता हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (और संभवत: उसके मातृ संगठन आरएसएस) की नजर में अब भी ये दोनों को ही उसके लिए प्रमुख राजनीतिक चुनौती हैं। यह बात उसके व्यवहार में भी झलकती है।

2022-23 में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ‘नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान’ की जो उपमा उछाली, उससे बने प्रभाव को भाजपा ने पूरी गंभीरता से लिया। खुद राहुल गांधी ने भले उस कथानक को बीच में छोड़ दिया, लेकिन भाजपा ऐसे प्रयासों से उत्पन्न हो सकने वाली चुनौती को बेहतर समझती है। इसीलिए इस बार जब गांधी ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ शुरू की, तो शुरू से ही उसकी चमक फीकी करने की रणनीति पर वह आगे बढ़ी है। इसके लिए कांग्रेस/इंडिया गठबंधन से पाला-बदल कराने का तरीका अपनाया गया है। मुरली देवड़ा और नीतीश कुमार इसकी मिसालें हैं। और इसी क्रम में राहुल की यात्रा के उत्तर प्रदेश में प्रवेश से ठीक पहले जयंत चौधरी के पाला-बदल के कयास को भी मीडिया में उछाला गया है। प्रधानमंत्री ने जिस तरह कांग्रेस और उसके नेताओं पर तीखा हमला बोला और उन्हें मजाक का पात्र बनाने की कोशिश की, शायद वह भी भाजपा की इसी सुविचारित रणनीति का संकेत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top