नई दिल्ली। दाल, अनाज और मीट को मिलाकर पकने वाले नॉनवेज व्यंजन ‘हलीम’ के स्टैंडर्ड भी अब तय किए जाएंगे। तय मानकों के हिसाब से इस डिश को बनाने वालों को ही FSSAI यानी ‘फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ का सर्टिफिकेट मिल सकेगा। सरकार ने भारत में खाने के स्टैंडर्ड में सुधार को लेकर अमेंडमेंट्स को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा सभी तरह के फूड प्रॉडक्ट्स अब केवल एक ही संस्था जारी कर सकेगी। भारतीय बाजार में बिकने वाले हर तरह के खाद्य पदार्थ के लिए केवल FSSAI से सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
बता दें कि अब बकरी के दूध या भेड़ के दूध से लेकर सभी तरह के मिल्क प्रॉडक्ट्स में फैटी एसिड्स की मात्रा के स्टैंडर्ड्स भी फिर से तय किए गए हैं। इसके साथ-साथ घी में पाए जाने वाले फैटी एसिड की मात्रा के मानकों की तरह ही दूध में मौजूद फैटी एसिड के मानक भी तय किए जा रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने किसानों से लेकर अलग-अलग एजेंसियों के साथ मीटिंग के बाद यह फैसला किया है। दूध को लेकर मानकों में बदलाव किए जा रहे हैं, जबकि हलीम के मानक तय किए जा रहे हैं। सरकार मानती है कि हलीम को लेकर कभी कोई मानक बनाए ही नहीं गए।