जयपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पीएम नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर किए गए कमेंट का राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समर्थन किया है। गहलोत ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए कहा, ‘मंडल आयोग ने ओबीसी सूची के लिए पीएम मोदी की जाति की सिफारिश नहीं की थी।’
गहलोत ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि अगर पीएम मोदी खुद को अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी मानते हैं तो उन्हें अविलंब राहुल गांधी की बात मान लेनी चाहिए।
पूर्व सीएम गहलोत ने आगे लिखा, ‘राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ओबीसी में शामिल होने के मुद्दे पर सच कहा है, क्योंकि मंडल कमीशन एवं गुजरात में पिछड़ा वर्ग के लिए 1978 में बनाई बख्शी समिति की सिफारिशों में मोदी/घांची जाति को ओबीसी में शामिल नहीं किया गया था. पूरे देश में मोदी जाति बिजनेस कम्युनिटी रही है। तथा जैन, महेश्वरी, अग्रवाल इत्यादि समाज के लोग मोदी सरनेम का उपयोग करते हैं।
गहलोत ने आगे लिखा, ‘ अगर नरेंद्र मोदी खुद को ओबीसी मानते हैं एवं ओबीसी वर्ग के हितों के पक्षकार हैं तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मांग के अनुरूप केन्द्र सरकार को अविलंब जातिगत जनगणना करवाए जाने की घोषणा करनी चाहिए। जैसा हमारे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जातिगत जनगणना से एक तरफ तो केन्द्र व राज्य सरकारों को पिछड़ों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने में आसानी होगी एवं दूसरी तरफ किसी को भी यह भ्रम भी नहीं होना चाहिए कि जातिगत जनगणना से जनरल कैटिगिरी की प्रगति में कोई रुकावटें पैदा होंगी।
यहां पढे गहलोत का ट्वीट
Shri @RahulGandhi has spoken the truth on the issue of Prime Minister Shri Narendra Modi’s inclusion in OBC because Modi/Ghanchi caste was not included in OBC list in the recommendations of Mandal Commission and Bakshi Committee which was formed in 1978 for backward classes in…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 9, 2024
बता दें कि बीजेपी आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय, राज्यसभा सदस्य नरहरि अमीन के साथ ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल के बयान की निंदा की और राहुल गांधी पर ही जबर्दस्त पलटवार किया। साल 2012 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले अमीन ने कहा, ‘मैं कांग्रेस सरकार में गुजरात का उपमुख्यमंत्री था, जब राज्य सरकार ने 25 जुलाई, 1994 को मोढ-घांची को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया था।’