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उत्तराखण्ड में टनल पार्किंग के निर्माण पर सरकार का फोकस

टनल पार्किंग के लिए प्रदेश भर में 11 स्थान चिन्हित किये

देहरादून। प्रदेश में पार्किंग की समस्या से निपटने के लिए टनल पार्किंग पर विशेष फोकस किया जा रहा है। टनल पार्किंग के लिए 11 स्थानों को चिन्हित किया गया है। जिनमें 7 की डीपीआर तैयार हो रही है। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में प्रदेश में बनने वाली सभी टनल, ऑटोमेटेड और सरफेस पार्किंग की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय प्रदेश होने के कारण यहां पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में पार्किंग के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने लगातार प्रयास कर प्रदेश में अधिक से अधिक पार्किंग्स बनाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने पार्किंग्स के निर्माण में धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रदेश में सभी प्रकार की पार्किंग्स के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने टनल पार्किंग्स की साप्ताहिक मॉनिटरिंग करते हुए शीघ्र कार्य शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में छोटी-छोटी परन्तु अधिक संख्या में पार्किग्स बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पार्किंग की प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। लगातार बैठकें आयोजित करा कर समस्याओं का निस्तारण किया जाए। समस्या का समाधान निर्धारित समय में न होने पर मुख्य सचिव स्तर पर बैठक आयोजित कराई जाए।

बैठक के दौरान बताया गया कि प्रदेश में टनल पार्किंग के लिए 11 स्थानों को चिन्हित किया गया है। जिनमें 7 की डीपीआर तैयार हो रही है, 1 की डीपीआर स्वीकृत हो गई हैं। 2 की तकनीकी जांच गतिमान हैं। बताया गया कि ऑटोमेटेड पार्किंग के लिए 9 लोकेशन चिन्हित की गई हैं। 5 प्रस्तावों को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत दे दी गई है। 2 की डीपीआर तैयार की जा रही है, 1 की डीपीआर तैयार है स्वीकृति की जा चुकी है, 1 भूमि की एनओसी स्तर पर लंबित है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन एवं सचिव एस. एन. पांडेय सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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