अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच सीधी टक्कर

ट्रंप की सहयोगी लॉरा लूमर ने कमला हैरिस की भारतीय विरासत का उड़ाया मजाक

वॉशिंगटन। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में जब भी राष्ट्रपति चुनाव होते हैं, तो उस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी होती हैं। इस बार अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन पार्टी अक्सर कमला हैरिस पर निशाना साधती रहती है, लेकिन इस बार ट्रंप की सहयोगी लॉरा लूमर ने कमला हैरिस की भारतीय विरासत का मजाक उड़ाकर विवाद खड़ा कर दिया है।

लूमर ने एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति चुनाव जीत जाती हैं, तो व्हाइट हाउस से ‘तरकारी’ (सब्जी) की गंध आएगी। उनकी इस टिप्पणी के बाद चारों तरफ से आलोचना हो रही है।

ट्रंप समर्थक भी नाराज
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने गुरुवार को हैरिस के खिलाफ लूमर की इस पोस्ट की आलोचना की और इसे ‘शर्मनाक’ बताया। यहां तक कि कुछ ट्रंप समर्थक भी लूमर की इस टिप्पणी से असहज दिखे। जॉर्जिया की प्रतिनिधि मार्जोरी टेलर ग्रीन ने कहा, “इस टिप्पणी से ट्रंप का कोई लेना-देना नहीं है। इस प्रकार का व्यवहार कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।” लूमर ने यह टिप्पणी ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर की थी।

लूमर की नस्लीय टिप्पणी
लूमर ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “अगर उपराष्ट्रपति पांच नवंबर का चुनाव जीत जाती हैं, तो व्हाइट हाउस में ‘तरकारी’ की गंध फैल जाएगी और वहां से भाषण कॉल सेंटर के जरिए दिए जाएंगे। अमेरिकी लोग कॉल के अंत में ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दे पाएंगे, जिसे कोई समझ नहीं पाएगा।” लूमर ने यह टिप्पणी कमला हैरिस द्वारा पोस्ट की गई एक तस्वीर पर की, जिसमें उन्होंने भारत से आए अपने दादा-दादी का जिक्र किया था।

कमला हैरिस का भारतीय विरासत से जुड़ाव
कमला हैरिस की मां, श्यामला गोपालन, 19 साल की उम्र में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका आई थीं। उनके पिता, डोनाल्ड जे. हैरिस, जमैका से हैं। जब प्रेस वार्ता में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन-पियरे से लूमर की इस टिप्पणी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे घृणास्पद बताया। उन्होंने कहा, “किसी भी नेता को ऐसे व्यक्ति से मेलजोल नहीं रखना चाहिए, जो इस तरह की घृणा फैलाता हो। यह नस्लवादी जहर है और इसे हर हाल में निंदा किया जाना चाहिए।”

जीन-पियरे ने आगे कहा, “यह घृणित टिप्पणी है और इस तरह के बयान अमेरिका की मूल भावना के खिलाफ हैं। चाहे आपके राजनीतिक विचार कुछ भी हों, इस तरह के बयान अस्वीकार्य हैं और उनकी निंदा होनी चाहिए।”

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