अजीत द्विवेदी किसी अज्ञात शायर का शेर है- विसाल ए यार से दूना हुआ इश्क, मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की। यही हुआ है भारत में बड़े धूम धड़ाके से आधी रात को संसद बुला कर शुरू किए गए अप्रत्यक्ष कर सुधार के कानून, वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के साथ। जैसे जैसे […]
योजनाओं में भ्रष्टाचार तो अपने पाँव पसारता ही है
उमर अपनी बात पर कितना खरा उतरते हैं?
मुफ्त की रेवड़ियों की घोषणा
क्या भाजपा जेएमएम को हरा पाएगी
अजीत द्विवेदी भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में तमाम अनुमानों के उलट कांग्रेस को हरा दिया। लेकिन जम्मू कश्मीर में वह नेशनल कॉन्फ्रेंस को नहीं हरा पाई। हालांकि वहां भी जम्मू क्षेत्र में, जहां कांग्रेस ज्यादा सीटों पर लड़ रही थी वहां कांग्रेस को हरा दिया। इससे मोटे तौर पर इस निष्कर्ष की पुष्टि होती […]
कांग्रेस तमाम आदर्श स्थितियों के बावजूद चुनाव हारी
यदि मनुष्य है तो ईमानदारी से सोचे
हरिशंकर व्यास ईमानदारी से सोचे, यदि मनुष्य है तो जरूर सोचे। हम क्या होते हुए है? क्या ईमानदारी, सदाचारी, सत्यवादी, विन्रम, संतोषी, विश्वासी और प्रेम व करूणा, अंहिसा के सनातनी व्यापक धर्म की नैतिक मंजिले पाते हुए है या भ्रष्ट-बेईमान, झूठे, अंहकारी, भूखे, अविश्वासी, घृणा-नफरत, हिंसा से मन-मष्तिष्क, चित्त-वृति को भरते हुए है? मेरा मानना […]