टिहरी। राष्ट्रीय महिला आयोग एवम उत्तराखंड राज्य महिला आयोग द्वारा जनपद टिहरी गढ़वाल के मुख्यालय में स्थित बहुउद्देश्यीय हॉल, विकास भवन नई टिहरी में महिला सशक्तिकरण हेतु विधिक जागरूकता की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यशाला का शुभारंभ महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल के साथ एडीएम के के मिश्रा, एसडीएम, राजेश नौटियाल, आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान व डीपीओ शोएब हुसैन के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
कार्यशाला के शुभारम्भ में दयाराम सिंह, विधि अधिकारी राज्य महिला आयोग द्वारा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम २००५ की जानकारी दी गई। साथ ही आयोग के कर्तव्यों व कार्यों की भी जानकारी दी गई। आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान द्वारा स्त्री अशिष्ट रूपण अधिनियम 1986 की जानकारी दी गई। जिसके तहत किसी भी स्त्री को अपमानजनक स्थिति में दिखाने वा दर्शाने पे सजा का प्रावधान की जानकारी दी।
रिसोर्स पर्सन एडवोकेट शिखा शर्मा बिष्ट द्वारा प्रतिभागियों को लिंग संवेदीकरण के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित सहायक अभियोजन अधिकारी सीमा चौधरी द्वारा कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन निवारण अधिनियम की जानकारी दी गई। तथा पुलिस विभाग से उपस्थित एसआइ नीतू रावत द्वारा पुलिस विभाग के कार्यों का विवरण देते हुए महिला प्रताड़ना से सम्बंधित शिकायत कराने के तरीके को बताते हुए पुलिस द्वारा पीड़ित महिलाओं सहायता व सहयोग की जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि रहते हुए आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि आज राज्य की महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही है और अपने अधिकारों को जान रही है। जिसके दम पर महिलाशक्ति आत्मनिर्भर हो रही है। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में महिलाए हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है तथा राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिलाओं की सुरक्षा व उनके सशक्तिकरण के प्रति अत्यंत संवेदनशील है।
उन्होंने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज गर्व का विषय है कि राज्य के प्रमुख पदों में महिलाएं शोभायमान है चाहे वह विधानसभा अध्यक्ष का पद हो या मुख्य सचिव का चाहे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद हो सभी बड़े पदों पर महिलाएं सशक्तिकरण के साथ बढ़ रही है। वहीं आयोग की अध्यक्ष ने यूसीसी पर राज्य के मुख्यमंत्री व सम्पूर्ण कैबिनेट का आभार व्यक्त किया व इसके प्रति महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा की यह कानून महिला सुरक्षा व महिलाओं के सर्वांगीण विकास को और मजबूती देने का काम करेगा।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य महिला आयोग लगातार इस प्रकार की जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन कराता रहता है ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों, कानून और योजनाओं की जानकारी, समय समय से मिलती रहे। कार्यक्रम का संचालन सीडब्ल्यूसी के सदस्य एल पी उनियाल द्वारा किया गया जिनके द्वारा उनके द्वारा सीडब्ल्यूसी के कार्यों का भी विवरण बताया गया।
इस अवसर पर डीपीओ शोएब हुसैन, जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल, सुषमा उनियाल, मनोज नकोटी, उर्मिला राणा, डॉ प्रमोद उनियाल, एडवोकेट लक्ष्मी उनियाल, उदय रावत, गोपीराम चमोली, लीला मखलोगा तथा विभिन्न विभागों से महिला कार्मिक व अधिकारी एकदिवसीय कार्यशाला में उपस्थित रही।