कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा राज्यपाल आवास की एक संविदा महिला कर्मचारी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों पर स्थिति साफ करने के लिए राजभवन के कई सीसीटीवी फुटेज की जांच के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग करेंगी।
कर्मचारी ने असंपादित फुटेज की सार्वजनिक स्क्रीनिंग पर आपत्ति जताई, जहां कथित तौर पर उसकी पहचान का खुलासा किया गया था क्योंकि उसका चेहरा धुंधला नहीं था। यह कहते हुए कि वह कोलकाता पुलिस से ज्यादा उम्मीद नहीं रख सकती, जिसके हाथ राज्यपाल बोस को प्राप्त संवैधानिक छूट के कारण बंधे हुए हैं, पीड़िता ने कहा कि वह गंभीर अवसाद से गुजर रही थी और उसे लगा कि राष्ट्रपति को पत्र लिखना ही न्याय का एकमात्र सहारा है।
पीड़िता ने मीडिया को बताया कि “मैं जानती हूं कि संवैधानिक छूट के कारण मौजूदा राज्यपाल को कुछ नहीं होगा। लेकिन उन्होंने जो अपराध किया है उसका क्या? मैंने इस मामले में हस्तक्षेप के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखने का फैसला किया है। मैं न्याय पाने के लिए लिख रही हूं और कुछ नहीं।
कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) में मास्टर्स की डिग्री रखने वाली कथित पीड़िता ने कहा कि वह बोस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद से हुए अवसाद से उबरने के लिए थेरेपी लेना चाहती है।
अपनी पहचान छुपाए बिना फुटेज की स्क्रीनिंग पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पीड़िता ने कहा कि वह समाधान के लिए पुलिस से भी संपर्क करेगी।