देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने हल्द्वानी पहुँचकर कोतवाली के सभागार में घायल पुलिस महिला कर्मियों का हाल जाना। इस दौरान उन्होंने हिंसा के दौरान महिला पुलिस कर्मियों के साथ हुई बर्बरता के बारे में पूरी जानकारी ली, महिला पुलिस कर्मियों ने भी बताया कि बीती 8 फरवरी को मलिक के बगीचे में अतिक्रमण हटाने के दौरान किस तरह पत्थरबाजी व आगजनी में उन्होंने अपनी जान बचाई। उन्होंने घायल महिला पुलिसकर्मियों से रूबरू होते हुए उनकी आपबीती सुनी, हिंसा के दिन हुई घटना की जानकारी देते हुए कई पीड़ित महिला पुलिसकर्मी रो पड़ी। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा था कि वो उनका आखिरी दिन होगा, शायद ही वो घटना स्थल से जिन्दा बच कर जा पायेंगी। उन्होंने कहा कि चारो ओर से नुकीले पत्थर आ रहे थे और साथ ही पेट्रोल बम से भी घटनास्थल पर आगजनी की गई। कई घायल पुलिसकर्मी आज भी उसे मंजर को बताते हुए सहम गई। इस दौरान नगर निगम कर्मचारी और पत्रकारों ने भी आप बीती सुनाई।
उन्होंने मौके पर घायल महिला पुलिसकर्मियों व एसएसपी से घटना की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा यह जो बनभूलपुरा में घटना हुई है, वह निंदनीय है। इस दौरान महिला आयोग के अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि यह घटना पूर्ण रूप से सुनियोजित थी जिसमें महिला पुलिस कर्मियों, नगर निगम कर्मचारी, अधिकारियों व पत्रकारों को टारगेट बनाकर हमला किया था। इस हिंसा को फैलाने और आगजनी करने वालों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाना चाहिए साथ ही उन्होंने निर्देशित किया की जिन महिलाओं द्वारा उपद्रव किया गया उन्हें भी चिन्हित किया जाना चाहिए तथा महिलाओं व बच्चों को हथियार बना कर जो अराजक तत्व धर्म की आड़ में देवभूमि को दूषित करने का काम कर रहे है उन्हें कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए।
इस अवसर पर एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा, एसडीएम हल्द्वानी परितोष वर्मा, अपर निदेशक प्रशिक्षण निदेशालय हल्द्वानी ऋचा सिंह, सीओ सिटी, घटना के जांच अधिकारी सहित विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।