भोपाल। एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव अब चुनाव से फ्री होने के बाद एक्शन मोड में आ चुके हैं. कलेक्टरों के रवैये से नाराज सीएम डॉ. मोहन यादव ने पहले तो मुरैना, सिंगरौली, भोपाल और उमरिया जिले के कलेक्टर की क्लास लगाई. विधायकों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अब जल्दी ही कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों का तबादला हो सकता है. पिछले दिनों सीएम ने अलग अलग संभागों के विधायकों से वन टू वन चर्चा की है. माना ये भी जा रहा है कि विधायकों से मिले फीडबैक के आधार पर ही ट्रांसफर लिस्ट तैयार की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों की लगाई क्लास
सीएम डॉ. मोहन यादव ने पहले चरण में अलग अलग क्षेत्रों के विधायकों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुना. इस दौरान कई जिलों के कलेक्टरों की शिकायतें भी आईं. विधायकों ने बताया कि कलेक्टर उनकी शिकायतें नहीं सुनते हैं. सीएम ने लंबित कार्यों को लेकर पूछताछ की तो कलेक्टर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. माना जा रहा है कि इसके बाद ही सीएम ने कलेक्टरों की रैंकिंग किए जाने की भी बात की है.
कलेक्टरों की ट्रांसफर लिस्ट होगी तैयार
राजस्व महाअभियान 2.0 की तैयारियों को लेकर बैठक की. इस दौरान सीएम ने खास कर मुरैना, भोपाल और सिंगरौली जिले के रेवेन्यू से जुड़े हुए मामलों के अटके होने पर जानकारी चाही तो संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका. वहीं ये भी कहा जा रहा है कि रिव्यू और रैंकिंग के आधार ट्रांसफर लिस्ट तैयार की जाएगी. इसके सीएम डॉ. मोहन यादव के पास ये लिस्ट भेजी जाएगी, जिस पर सीएम अंतिम फैसला लेंगे.
विधायकों के रिएक्शन पर होगा एक्शन
माना जा रहा है कि जुलाई महीने के खत्म होने से पहले एमपी में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है. इस बार ये बदलाव विधायकों के फीडबैक के आधार पर होगा. बीते एक हफ्ते में जो विधायकों से फीडबैक मिला है. विधायकों ने बताया है कि संभागों की क्या स्थिति है? कहां के कलेक्टर विधायकों की समस्याओं की सुनवाई नहीं कर रहे हैं. माना जा रहा है कि कलेक्टरों की परफार्मेंस के साथ विधायकों व मंत्रियों के फीडबैक भी एक पाइंट है. जिस पर तबादले का ग्राउण्ड बनेगा. सीएम डॉ. मोहन यादव ने पूरी सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
बदले जा सकते हैं इन जिलों के कलेक्टर
जिन जिलों में पहली खेप में पुलिस अधीक्षक बदले जाएंगे. उनमें सतना, छतरपुर, बड़वानी, डिंडौरी, रतलाम, निवाड़ी, बैतूल, मंडला, शिवपुरी, दमोह, राजगढ, सागर, दमोह जिले शामिल हैं. इनमें से कुछ जिलों में कलेक्टर भी बदले जा सकते हैं. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, “डॉ. मोहन यादव असल में अब चुनाव से फारिग हुए हैं और अब उनकी प्रशासनिक क्षमताएं जाहिर हो रही हैं. किस तरह से वे कसावट ला रहे हैं. विधायकों और मंत्रियों का कलेक्टरों से शिकायत का मामला नया नहीं है, लेकिन जिस तरीके से उनके फीडबैक के बाद मोहन यादव एक्शन ले रहे हैं लगता है कि वे प्रशासनिक पकड़ बनाए रखेंगे.”