आखिर क्यों.. पेरू की एक महिला को संघीय आव्रजन अधिकारियों ने हनीमून से लौटने के बाद किया गिरफ्तार

अमेरिका। वीजा खत्म होने के बाद भी अमेरिका में रह रहीं पेरू की एक महिला को संघीय आव्रजन अधिकारियों ने हनीमून से लौटने के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद महिला के पति और ट्रंप समर्थक ने कहा कि उसे अपने वोट पर कोई पछतावा नहीं है। ट्रंप ने यह प्रणाली नहीं बनाई, लेकिन उनके पास इसे सुधारने का अवसर है।

विस्कॉन्सिन के रहने वाले ब्रैडली बार्टेल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थक हैं। उन्होंने चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वोट दिया था। उनकी पत्नी कैमिला मुनोज पेरू की नागरिक हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुनोज 2019 में वर्क-स्टडी वीजा पर विस्कॉन्सिन डेल्स पहुंची थीं। इस दौरान कोरोना के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर रोक लगने के कारण उनका वीजा समाप्त हो गया था। उन्होंने खेती और रेसेप्शनिस्ट का काम किया। इस दौरान उनकी मुलाकात मिस्टर बार्टेल से हुई। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और कुछ समय बाद उन्होंने शादी कर ली। मगर कोरोना के चलते वे हनीमून पर नहीं जा सके।

फरवरी में वे हनीमून के लिए प्यूर्टो रिको गए। हनीमून से लौटने पर आव्रजन अधिकारियों ने बार्टेल की पत्नी मुनोज से उनकी नागरिकता के बारे में पूछा। जब उन्होंने बताया कि वह ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रही हैं तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। अब उन्हें लुइसियाना में एक ICE सुविधा में रखा गया है।

इसे लेकर मुनोज के पति बार्टेल ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि यह एक बुरे सपने के जैसा था। हमारे पास वकील है। मगर सिस्टम बहुत अक्षम है, इसलिए इसमें जितना समय लगना चाहिए, उससे ज़्यादा समय लग रहा है। मुझे बहुत से नफरत भरे संदेश मिले हैं, बहुत से लोगों ने कहा है कि हम इसके लायक हैं।

बार्टेल ने आव्रजन की आलोचना करते हुए सुधार की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ICE के पास वास्तव में कोई जानकारी नहीं होती। विभागों के बीच बेहतर प्रक्रियाओं और संचार के लिए सिस्टम को नया रूप देने की आवश्यकता है। अगर मेरी पत्नी को निर्वासित किया जाता है तो मैं पेरू जाऊंगा। उन्होंने कहा कि यह मेरे दिमाग में आया है, लेकिन मेरे बेटे के लिए यह बहुत मुश्किल होगा।

राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ही डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका से करीब 1.1 करोड़ अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने की बात कही थी। इसके बाद अमेरिकी सेना ने लैटिन अमेरिकी देशों में अवैध अप्रवासियों को लेकर छह उड़ानें भरी। ट्रंप ने  अप्रवासियों पर शिकंजा कसने के लिए सेना का भरपूर इस्तेमाल किया। सैन्य उड़ानें निर्वासितों को लेकर ग्वाटेमाला, होंडुरास, पनामा, इक्वाडोर, पेरू और भारत समेत कई देशों में लेकर गईं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top