जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कौन-से मुद्दे हैं अहम? यहां जाने लोकसभा चुनाव में किसे मिली कितनी सीटें?

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान: तीन चरणों में होगी वोटिंग, नतीजे 4 अक्टूबर को

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, राज्य में तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे और चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे। यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार हो रहा है। 90 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में भाजपा, कांग्रेस, पीडीपी, और नेशनल कांफ्रेंस (NC) जैसे प्रमुख दल अहम भूमिका निभाने वाले हैं।

लोकसभा चुनाव में किसे मिली कितनी सीटें?
2024 के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर की पांच सीटों पर कड़ा मुकाबला हुआ था। भाजपा और नेशनल कांफ्रेंस ने दो-दो सीटें जीती थीं, जबकि एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में गई थी। भाजपा को सबसे अधिक 24.36% वोट मिले थे, वहीं नेशनल कांफ्रेंस को 22.30%, कांग्रेस को 19.38%, पीडीपी को 8.48% और अन्य को 23.94% वोट मिले थे।

पिछले विधानसभा चुनाव का परिणाम
2014 के विधानसभा चुनाव में पांच चरणों में मतदान हुआ था, जिसमें 65.23% वोटिंग हुई थी। पीडीपी को 28, भाजपा को 25, नेशनल कांफ्रेंस को 15, कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस को 2, कम्युनिस्ट पार्टी को 1 और 3 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। 2018 में भाजपा और पीडीपी के गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी, जिसके बाद से राज्य केंद्र सरकार के शासन में रहा।

चुनाव के मुख्य मुद्दे
इस बार के चुनाव में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का मुद्दा सबसे अहम रहेगा। लगभग सभी पार्टियां इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाकर वोट मांगने की योजना बना रही हैं। इसके अलावा, रोजगार, सरकारी नौकरियों में शीघ्र बहाली, और पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने जैसे मुद्दे भी महत्वपूर्ण होंगे। सेब किसानों की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा, क्योंकि वर्तमान में सेब के आयात से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।

2019 में खत्म हुआ था विशेष राज्य का दर्जा
9 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को पारित कर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आए। 2018 से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। इससे पहले, पीडीपी और भाजपा गठबंधन की सरकार थी, जो 2018 में गिर गई थी।

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