नई दिल्ली। वायनाड से लगातार दूसरी बार और रायबरेली से पहली बार जीत हासिल करने के बाद राहुल गांधी किस सीट से इस्तीफा देंगे और कहां से सांसद बने रहेंगे. यह एक बड़ा सवाल बन गया है. राहुल गांधी को दोनों ही लोकसभा सीटों पर लगभग बराबर का प्यार मिला है. रायबरेली उनके परिवार की पारंपरिक सीट रही है और वायनाड सीट पर लगातार दो बार से इतना प्यार मिला है कि इस सीट को छोड़ने से पहले विचार जरूर करेंगे और वायनाड की जनता से संवाद भी करेंगे और अगर वहां से इस्तीफा देने के बारे में सोचते हैं तो वहां की जनता को वजह भी समझाने में सफल होंगे.
वायनाड लोकसभा सीट के तहत आदिवासी जिले और मुस्लिम बहुल मलप्पुरम के तीन-तीन विधानसभा क्षेत्र के साथ ही कोझीकोड जिले का एक विधानसभा क्षेत्र भी आता है, जहां ईसाइयों की तादाद अच्छी-खासी है. राहुल गांधी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) की एनी राजा को 3.64 लाख से अधिक वोटों से हराया है.
दोनों में से किस सीट से देंगे इस्तीफा?
राहुल गांधी के दोनों सीटों से जीत दर्ज करने के बाद अब सवाल खड़ा हो गया है कि वह किस निर्वाचन क्षेत्र को चुनेंगे. हालांकि, उन्होंने कहा है कि अभी उन्होंने यह फैसला नहीं लिया है कि वह लोकसभा में किस सीट का प्रतिनिधित्व करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि वह लोकसभा में किस सीट का प्रतिनिधित्व करेंगे, इस पर राहुल ने मंगलवार को कहा कि मैंने दोनों सीट जीत ली हैं और मैं रायबरेली और वायनाड के मतदाताओं को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं. अब मुझे फैसला करना होगा कि मैं किस सीट को चुनूं. हम चर्चा करेंगे और फिर फैसला करेंगे. दोनों सीटों पर नहीं रह सकता, लेकिन मैंने अभी तक फैसला नहीं किया है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझसे पूछा जा रहा है कि मैं वायनाड से सांसद रहूंगा या रायबरेली से, मैं दोनों जगह से सांसद रहना चाहता हूं. आप सभी को बधाई.’’
रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला देर से लिया
राहुल गांधी को चुनौती देने के लिए मजबूत उम्मीदवार खड़े करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम दल ने दावा किया कि अगर वह उत्तर प्रदेश के रायबरेली से चुनाव जीतते हैं तो वायनाड सीट छोड़ देंगे. दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में केरल में मतदान पूरा होने तक यह पुष्टि नहीं की गयी थी कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश से किसी और सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं.