टेलीग्राम में पेपर लीक दिखाने वाला वीडियो फर्जी, एनटीए ने हलफनामे में चौंकाने वाले दावे

नई दिल्ली। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी 2024’ में न तो इस बात के संकेत मिले हैं कि बड़े पैमाने पर कदाचार हुआ और न ही ऐसे संकेत हैं कि स्थानीय उम्मीदवारों के किसी समूह को लाभ पहुंचा हो। नीट-यूजी 2024 में कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के इतिहास में अभूतपूर्व है।

इस सूची में हरियाणा के एक केंद्र के छह छात्र शामिल हैं, जहां परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ। केंद्र ने कहा कि नीट-यूजी 2024 के नतीजों का डेटा विश्लेषण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने किया और विशेषज्ञों के निष्कर्षों के अनुसार अंक वितरण में घंटी के आकार के वक्र का अनुसरण किया गया जो बड़े पैमाने पर कराई जाने वाली किसी भी परीक्षा में दिखता है जिससे किसी अनियमितता का संकेत नहीं मिलता। ये हलफनामे भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा हृश्वश्वञ्ज-त्र 2024 से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने से एक दिन पहले प्रस्तुत किए गए, जिनमें 5 मई की परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप भी शामिल है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी या एनटीए ने कहा कि सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम पर लीक हुए एनईईटी-यूजी प्रश्न पत्र की तस्वीरें दिखाने वाले वायरल वीडियो फर्जी थे। टेलीग्राम चैनल के भीतर चर्चा से संकेत मिलता है कि सदस्यों ने वीडियो को नकली बताया है। प्रारंभिक लीक की गलत धारणा बनाने के लिए टाइमस्टैम्प में हेरफेर किया गया था। सोशल मीडिया पर टिप्पणियाँ और चर्चाएँ इस बात की पुष्टि करती हैं कि वीडियो में इमेज को एडिट किया गया था और 4 मई के लीक का सुझाव देने के लिए तारीख को जानबूझकर संशोधित किया गया था। स्क्रीनशॉट वीडियो में किए गए दावों की मनगढ़ंत प्रकृति को उजागर करते हैं, एनटीए हलफनामे में कहा गया है।

एनटीए ने कहा कि उसने राष्ट्रीय, राज्य, शहर और केंद्र स्तर पर एनईईटी-यूजी 2024 में अंकों के वितरण का विश्लेषण किया है। एनटीए ने कहा कि यह विश्लेषण बताता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक नहीं लगता है, जो अंकों के वितरण को प्रभावित करेगा।
एनटीए ने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि वह गुरुवार की कार्यवाही के दौरान आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट के निष्कर्षों पर भरोसा करेगा।
केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञों द्वारा दिए गए निष्कर्षों के अनुसार, छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों विशेष रूप से 550 से 720 के बीच में समग्र वृद्धि हुई है। काउंसलिंग को लेकर केंद्र ने कहा कि 2024-25 के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होकर चार राउंड में आयोजित की जाएगी।

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