नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक नारा दिया था: “सबका साथ, सबका विकास,” जिसका मतलब था कि बीजेपी सबसे अलग है, सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है और सबका भला करने वाली है। इसका असर भी काफी दिनों तक देखा गया, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की सीटें कम होने के बाद पार्टी के अंदर मतभेद बाहर आने लगे हैं।
राजस्थान में वसुंधरा राजे का तंज
हाल ही में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने भाषण में एक तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा, “कुछ लोग पीतल की लौंग लेकर खुद को सर्राफ समझ बैठते हैं।” वसुंधरा राजे अक्सर अपने भाषणों में ऐसी बातें कह देती हैं, जो लोगों का ध्यान खींच लेती हैं।
ओम प्रकाश माथुर के अभिनंदन में वसुंधरा राजे की टिप्पणियां
बीजेपी के दिग्गज नेता और वर्तमान में सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के राजस्थान आगमन पर जयपुर में एक भव्य नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दिया कुमारी, प्रेमंचद बैरवा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, राजेंद्र राठौड़ जैसे कई नेता उपस्थित थे। लेकिन इस कार्यक्रम में वसुंधरा राजे के संबोधन ने सबका ध्यान खींच लिया।
वसुंधरा राजे ने अपने संबोधन में कहा, “ओम माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंचे हैं, लेकिन उनके पैर हमेशा जमीन पर रहे हैं। यही वजह है कि इनके चाहने वालों की संख्या की गिनती नहीं की जा सकती। वर्ना कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह अपने आप को सर्राफ समझ बैठते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि ओम माथुर “ऊपर से गरम और भीतर से नरम” हैं और “घुड़सावर” की तरह कुशल हैं।
वसुंधरा राजे का इशारा किसकी ओर था?
अब सवाल यह है कि वसुंधरा राजे ने इस संबोधन में किसे निशाना बनाया। क्या उनका यह इशारा राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तरफ था, जो कि काफी लो प्रोफाइल माने जाते हैं? चुनाव नतीजे आने के बाद माना जा रहा था कि राज्य की कमान एक बार फिर वसुंधरा राजे को मिल सकती है, लेकिन अंतिम समय पर भजनलाल शर्मा को विधानसभा का नेता चुन लिया गया था। इसके बाद से ही वसुंधरा राजे नाराज चल रही हैं और तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं।