नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति पर हुए अत्याचार के मामलों में सबसे ऊपर है, इसके बाद क्रमशः राजस्थान और मध्य प्रदेश का स्थान आता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 13 राज्यों में अत्याचार के 97.7% मामले दर्ज किए गए हैं। ये सभी मामले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुए हैं।
2022 में अनुसूचित जाति के खिलाफ कुल 51,656 मामले दर्ज हुए, जिनमें से सबसे अधिक 12,287 मामले उत्तर प्रदेश में (23.78%) थे। इसके बाद राजस्थान में 8,651 (16.75%) और मध्य प्रदेश में 7,732 (14.97%) मामले दर्ज हुए।
अनुसूचित जनजातियों पर भी अत्याचार बढ़ा
अनुसूचित जनजातियों पर अत्याचार के कुल 9,735 मामले सामने आए। मध्य प्रदेश में 2,979 (30.61%) मामले सबसे अधिक रहे, इसके बाद राजस्थान में 2,498 (25.66%) और ओडिशा में 773 (7.94%) मामले दर्ज किए गए।
विशेष अदालतों की संख्या अपर्याप्त
रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष अदालतों की संख्या अत्याचार के मामलों के निपटारे के लिए अपर्याप्त है। 498 जिलों में से केवल 194 जिलों में ही इन मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें हैं।