नई दिल्ली। यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपने व्यक्तिगत कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है. वैसे तो उन्होंने जून के महीने के अंत में इस्तीफा दे दिया था लेकिन शनिवार (20 जुलाई) को ये बात सामने आई है. वहीं अभी उनके इस्तीफे को स्वीकार होने की किसी भी तरह की कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. आपको बता दें कि मनोज सोनी का कार्यकाल साल 2029 में समाप्त होने वाला था लेकिन उन्होंने पांच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया.
साल 2017 में मनोज सोनी ने यूपीएससी के सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला था. इसके बाद साल 2023 में उन्हें यूपीएससी का अध्यक्ष बनाया गया. जानकारी के मुताबिक सोनी अब गुजरात के अनुपम मिशन में अधिक समय देना चाहते हैं. ये इस्तीफा ऐसे वक्त में दिया गया है, जब ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का मामला काफी सुर्खियों में है.
पीएम मोदी के नजदीकी हैं मनोज सोनी
मनोज सोनी को प्रधानमंत्री का बहुत खास माना जाता है. साल 2005 में मनोज सोनी को गुजरात के वडोदरा में एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था. इस दौरान उनकी उम्र 40 साल की थी. जिसके बाद वो देश में सबसे कम उम्र में कुलपति बन गए. आगे जाकर मनोज सोनी को गुजरात के दो विश्वविद्यालयों में कुलपति बनाया गया.
क्यों दिया इस्तीफा?
साल 2020 में मनोज सोनी दीक्षा प्राप्त करने के बाद एक साधु और निष्काम कर्मयोगी बन गए थे. रिपोर्ट्स की मानें तो उनके इस्तीफे क पूजा खेड़कर मामले से कोई लिंक नहीं है. उन्होंने अपने निजी कारणों से इस पद से इस्तीफा दिया है. मनोज सोनी अपना अधिक समय गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय के अनूपम मिशन को देना चाहते हैं. मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी भी माना जाता रहा है. साल 2005 में नरेंद्र मोदी ने उन्हें वडोदरा के प्रसिद्ध एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था.