नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम घोषित हो चुके हैं. जिसमें एनडीए गठबंधन को 292 सीटें हासिल हुई हैं. इंडिया गठबंधन को 234 सीटें और अन्य को 18 सीटें मिली हैं. चुनावों के परिणामों ने सबको चौंकाकर रख दिया है. सबसे तगड़ा झटका एनडीए को उत्तर प्रदेश में लगा है. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से एनडीए को 36 सीटें मिली हैं. इंडिया गठबंधन को 43 सीटें मिली हैं. वहीं एनडीए ने पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद केंद्रीय में सरकार बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.
नई सरकार के गठन से पहले बीजेपी के सहयोगी दलों ने देश के अहम मंत्रालयों की मांग की है, ऐसे में कई सवाल खड़े हो गए हैं. वहीं अब ऐसी स्थिति बन गई है कि केंद्र सरकार में उत्तर प्रदेश के मंत्रियों की संख्या घटाई जा सकती है क्योंकि उत्तर प्रदेश में इस बार बीजेपी का प्रदर्शन पिछले चुनावों के परिणाम के मुताबिक काफी पीछे रह गया है. नई कैबिनेट मंत्रियों के चुनावों को लेकर शुक्रवार (7 जून) को दिल्ली में NDA की संसदीय बोर्ड बैठक होने वाली है. ये बैठक केंद्र आगामी सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
NDA की ये बैठक उत्तर प्रदेश के लिए भी अहम रहेगी क्योंकि यूपी में बीजेपी के अपने खराब प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार में यूपी के मंत्रियों की संख्या कम हो सकती है. इसके अलावा बीजेपी के सहयोगी दल कैबिनेट के महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग कर रहे हैं. जिसकी वजह से कई मंत्री पदों पर अब सहयोगी दलों के मंत्री रहेंगे जिसकी वजह से यूपी के मंत्रियों की सीटे घटेंगी.
केंद्र सरकार में उत्तर प्रदेश के मंत्रियों की संख्या कम की जा सकती है क्योंकि यूपी में बीजेपी के सात केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए हैं. इनमें संजीव बालियान, साध्वी निरंजन ज्योति, महेंद्र नाथ पांडे, स्मृति ईरानी, अजय मिश्रा टेनी, भानु प्रताप वर्मा, कौशल किशोर शामिल हैं. इन सभी मंत्रियों को लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है. पिछले लोकसभा चुनावों में यूपी ने सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. तब एनडीए ने यूपी से 64 सीटें जीती थीं. जिसके बाद कैबिनेट के 14 मंत्री यूपी स बनाए गए थे.