नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में ईईपीसी इंडिया के 70वें वर्षगांठ समारोह का शुभारंभ किया और इस अवसर पर संगठन के नए प्रतीक चिन्ह (लोगो) का अनावरण किया। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। अपने संबोधन में गोयल ने अनुपालन बोझ को कम करने और कारोबार को सरल बनाने के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
भारत के इंजीनियरिंग निर्यात को विश्व में अग्रणी बनाने की आवश्यकता
गोयल ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए इंजीनियरिंग सेक्टर का उन्नत और स्थायी भविष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहना आवश्यक है। उन्होंने ईईपीसी इंडिया को आदर्श निर्यात संवर्धन परिषद के रूप में सराहा और संगठन की मोबिलिटी, कैपिटल गुड्स और स्टील इंडस्ट्री में योगदान को महत्वपूर्ण बताया।
अगले 5-6 वर्षों में 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य
गोयल ने ईईपीसी इंडिया के 300 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य की प्रशंसा की और इसे विश्व के सामने भारत की साहसिक पहल बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘शून्य दोष, शून्य प्रभाव’ मंत्र को दोहराते हुए कहा कि गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता भारत की पहचान बनेगी।
ईईपीसी इंडिया के प्रयासों की सराहना
ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि संगठन वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग उत्पादों की उपस्थिति को बढ़ाने और सदस्य कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सहायता करने के प्रयास करता रहेगा।
109 बिलियन डॉलर के निर्यात में योगदान
ईईपीसी इंडिया ने वित्त वर्ष 2024 में 109 बिलियन डॉलर के निर्यात में योगदान दिया है और ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में ‘मेक इन इंडिया’ को समर्थन दिया है।