नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कल अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) का दौरा किया। जाधव ने पूरे परिसर का निरीक्षण किया तथा मरीजों को दी जा रही सुविधाओं और उपचारों की समीक्षा की।
संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उनकी सरकार आयुर्वेद को घर-घर पहुंचाने के प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी प्रयास को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है। मंत्री महोदय ने उल्लेख किया कि औपनिवेशिक काल और विदेशी आक्रमणों के दौरान आयुर्वेद और हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को काफी हानि हुई, लेकिन वर्तमान में योग और आयुर्वेद के प्रति धारणा में वैश्विक बदलाव आया है और इनकी स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने घोषणा की कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के विस्तार के लिए अगले पांच वर्षों में 10 नए आयुष संस्थान खोले जाएंगे, ताकि देश का प्रत्येक नागरिक इससे लाभ उठा सके।
पत्रकारों से बातचीत में जाधव ने बताया कि राष्ट्रपति ने संस्थान का दौरा करने की इच्छा जताई थी और एक मंत्री के तौर पर वे तैयारियों का जायजा लेने आए हैं।
इस मौके पर, संस्थान की निदेशक प्रो. तनुजा नेसारी ने मंत्री महोदय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आयुर्वेद को बढ़ावा देने में मंत्री महोदय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा उनका मार्गदर्शन और सहयोग आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने और इसे वैश्विक मंच पर स्थापित करने में मदद करता रहेगा।”
अपने दौरे के दौरान, प्रतापराव जाधव ने अस्पताल परिसर का विस्तृत अवलोकन किया और कई महत्वपूर्ण गतिविधियों में भाग लिया। उन्होंने दिवंगत प्रोफेसर संजय गुप्ता, तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक की स्मृति में निर्मित एक सभागार का उद्घाटन किया, जिनका कोविड-19 महामारी के दौरान निधन हो गया था। इसके अलावा, उन्होंने आगामी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “आरोह-2024” के लिए एक विवरण-पुस्तिका भी जारी की, जो 17 से 19 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें आयुष आईसी विभाग के उप महानिदेशक श्री सत्यजीत पॉल, एआईआईए के डीन पीएचडी प्रोफेसर महेश व्यास, चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर आनंद रमन शर्मा, अपर चिकित्सा अधीक्षक योगेश बडवे सहित विभिन्न अधिकारी, विद्वान और कर्मचारी शामिल थे।