नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने रविवार को गुजरात के राजकोट में पांच पश्चिमी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों- महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, और लक्षद्वीप के मुख्यमंत्रियों के साथ श्रम सुधार और रोजगार पर एक क्षेत्रीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा आयोजित छह क्षेत्रीय बैठकों की श्रृंखला की तीसरी बैठक थी।
बैठक में श्रम सुधार, ई-श्रम, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू), राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल, रोजगार सृजन और मापन, तथा कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत सरकार सभी श्रमिकों, चाहे वे संगठित हों या असंगठित, को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि ईएसआईसी सेवाओं का विस्तार देश के सभी जिलों में किया जा रहा है। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का उपयोग करके सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया।
बैठक में यह भी बताया गया कि ईएसआईसी और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के बीच समन्वय की योजना बनाई जा रही है, ताकि श्रमिकों को देशभर के 30,000 से अधिक अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिल सके।
डॉ. मांडविया ने एनसीएस पोर्टल की भी चर्चा की, जिसमें 16 लाख से अधिक सक्रिय नौकरियों की जानकारी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि एनसीएस पोर्टल को उन्नत तकनीकों के साथ अपग्रेड कर, इसे ई-श्रम पोर्टल से एकीकृत किया जाएगा, ताकि यह नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं के लिए एक आदर्श मंच बन सके।
बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से श्रम सुधारों के कार्यान्वयन को तेज करने पर जोर दिया गया। श्रम और रोजगार सचिव सुश्री सुमिता डावरा ने बताया कि भारत सरकार ने 29 श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में बदलने की पहल की है, ताकि श्रमिकों को बेहतर सुरक्षा मिल सके।
अगली क्षेत्रीय बैठक पूर्वी राज्यों के लिए भुवनेश्वर में आयोजित की जाएगी।