नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के सदस्य-मानव संसाधन डॉ. आर. बालासुब्रमण्यम की उपस्थिति में राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम – मिशन कर्मयोगी – की प्रगति की समीक्षा की।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत सरकार के लगभग 31 लाख कर्मचारी वर्तमान में मिशन कर्मयोगी के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने प्रशिक्षण की गुणवत्ता को मानकीकृत और सुसंगत बनाने में सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों (सीएसटीआई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
मंत्री ने कहा कि सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थान (एनएससीटीआई) के लिए राष्ट्रीय मानकों की शुरुआत संस्थान स्तर पर क्षमता निर्माण प्रथाओं को सुनिश्चित करने और मानकीकृत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मंत्री को जानकारी दी गयी कि अब तक इस पहल के तहत 300 से अधिक संस्थानों ने पंजीकरण कराया है।
इन प्रयासों के अनुरूप, क्षमता निर्माण आयोग इस वर्ष 12 अगस्त को “सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थान सम्मेलन” का आयोजन कर रहा है, जिसकी मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जितेंद्र सिंह अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन का उद्देश्य एनएससीटीआई मानकों के आधार पर लगभग 150 सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों को मान्यता प्रदान करना और 300 पंजीकृत संस्थानों को मान्यता प्रमाण पत्र वितरित करना है। यह कार्यक्रम सीएसटीआई को मान्यता प्रक्रिया और इसकी पूर्व-आवश्यकताओं के बारे में शिक्षित करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
सम्मेलन का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) प्लेटफॉर्म पर पाठ्यक्रमों के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना और प्रशिक्षण सामग्री की डिजिटल उपलब्धता का विस्तार करने के लिए भविष्य के कदमों की योजना बनाना है। आईजीओटी प्लेटफॉर्म के लिए अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को डिजिटल बनाने के संदर्भ में सीएसटीआई की आंतरिक क्षमता का विकास करने पर जोर दिया जाएगा। सीएसटीआई के लिए मान्यता के बाद गुणवत्ता सुधार योजना (क्यूआईपी) पर एक ज्ञान सत्र भी आयोजित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, डॉ. जितेंद्र सिंह सम्मेलन के दौरान कई पहलों का शुभारंभ करेंगे, जिसमें “अमृत ज्ञान कोष” भी शामिल है, जो साझा शिक्षण संसाधनों को पोषित करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक ज्ञान कोष है। शुभारंभ किये जाने वाले अन्य कार्यक्रमों में शामिल हैं – गुणवत्ता सुधार योजना, संकाय विकास कार्यक्रम और संकाय पोर्टल। क्षमता निर्माण आयोग की वार्षिक रिपोर्ट का भी अनावरण किया जाएगा।