नई दिल्ली। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर बिल पेश करेगी। यह महत्वपूर्ण कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए भाषण के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने बार-बार चुनावों से देश की प्रगति में उत्पन्न बाधाओं का जिक्र किया था।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नीत एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही इस प्रस्ताव को लागू करने की योजना बना रही है। हाल ही में सरकार के 100 दिन पूरे होने पर सूत्रों ने बताया था कि सत्तारूढ़ गठबंधन अपने बाकी कार्यकाल में भी एकजुट बना रहेगा।
घोषणापत्र में भी ‘एक देश, एक चुनाव’ का वादा
इससे पहले, भाजपा ने अपने लोकसभा चुनाव 2024 के घोषणापत्र में ‘एक देश, एक चुनाव’ को प्रमुख वादों में शामिल किया था। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की थी। समिति ने यह भी सुझाव दिया था कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं।
कोविंद समिति की सिफारिशें
रिपोर्ट के मुताबिक, विधि आयोग 2029 से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है। इसके अलावा, सदन में अविश्वास प्रस्ताव या बहुमत न होने की स्थिति में एकता सरकार का प्रावधान करने पर भी विचार किया जा सकता है। कोविंद समिति ने चुनाव कराने के लिए कोई समय सीमा नहीं तय की है, लेकिन उसने 18 संवैधानिक संशोधन करने की सिफारिश की है, जिनमें से अधिकांश के लिए राज्य विधानसभाओं की मंजूरी आवश्यक नहीं होगी।
यह निर्णय न केवल चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि देश की प्रगति को भी तेजी से आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।