गुरुग्राम विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला: भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय नवीन गोयल के बीच दिलचस्प लड़ाई

गुरुग्राम: गुरुग्राम विधानसभा सीट पर इस बार का चुनावी मुकाबला बेहद रोचक हो गया है। भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार नवीन गोयल के बीच त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है। भाजपा ने मुकेश शर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस की ओर से मोहित ग्रोवर चुनावी मैदान में हैं। वहीं, भाजपा से टिकट न मिलने के कारण नवीन गोयल निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे स्थिति और दिलचस्प हो गई है।

भाजपा प्रत्याशी मुकेश शर्मा
भाजपा ने मुकेश शर्मा को ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए मैदान में उतारा है। हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता नवीन गोयल की नाराजगी पार्टी के लिए एक चुनौती बन गई है, क्योंकि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

नवीन गोयल की चुनौती
नवीन गोयल पिछले 11 सालों से गुरुग्राम में सक्रिय हैं और जनता के बीच लोकप्रिय हैं। उनका दावा है कि वे विकास के मुद्दों पर काम करेंगे और यदि वे भाजपा के वोट बैंक को प्रभावित करते हैं, तो कांग्रेस को इसका सीधा फायदा हो सकता है।

कांग्रेस प्रत्याशी मोहित ग्रोवर
कांग्रेस ने पंजाबी समाज से जुड़े मोहित ग्रोवर को टिकट दिया है। मोहित ग्रोवर के पिता इस समाज में पहले से ही काफी लोकप्रिय हैं। पिछले चुनाव में मोहित ने निर्दलीय के तौर पर 48 हजार वोट हासिल किए थे, जिससे उनके जीत के आसार मजबूत दिख रहे हैं।

गुरुग्राम के वोटर
गुरुग्राम में कुल 4,43,593 मतदाता हैं, जिनमें पंजाबी, जाट और ब्राह्मण वोटर प्रमुख हैं। पंजाबी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है, जो चुनावी नतीजों में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

भाजपा की स्थिति
पिछले दो चुनावों में भाजपा ने गुरुग्राम सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार उन्हें एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है। मुकेश शर्मा ने अपने 10 साल के कार्यकाल को आधार बनाकर जनता से समर्थन मांगा है, लेकिन विपक्ष का दावा है कि भाजपा के कार्यकाल में कोई बड़ा विकास नहीं हुआ।

विकास के मुद्दे
सभी उम्मीदवार विकास के मुद्दे पर फोकस कर रहे हैं। नवीन गोयल ने स्वास्थ्य सेवाओं, खेल स्टेडियम, सीवरेज व्यवस्था और मेट्रो विस्तार जैसे वादों के साथ जनता को आकर्षित करने की कोशिश की है। वहीं, मोहित ग्रोवर भाजपा सरकार पर विकास कार्यों में विफलता का आरोप लगा रहे हैं।

चुनावी माहौल
चुनाव की हलचल तेज है और परिणाम किसी भी तरफ जा सकते हैं। 5 अक्टूबर को होने वाली वोटिंग के बाद 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे, जो गुरुग्राम के भविष्य को तय करेंगे।

अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top