निर्यात के लिए ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफ़ॉर्म एकल खिड़की, तेज़, सुलभ और परिवर्तनकारी है: पीयूष गोयल

नई दिल्ली। बुधवार को नई दिल्ली में ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफ़ॉर्म के शुभारंभ के अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह एकल खिड़की पहल तेज़, सुलभ और परिवर्तनकारी है। यह प्लेटफ़ॉर्म निर्यातकों को नए बाजारों तक पहुँचने में सक्षम बनाएगा।

गोयल ने बताया कि हमारा ध्यान विश्व बाजार में अवसरों की पहचान करने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफ़ॉर्म के लॉन्च के साथ भारत वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में सक्षम होगा। छोटे एफपीओ, व्यवसाय और उद्यमी भी इस प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठा सकेंगे, जिससे मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) के फायदों का उपयोग करके वे अपने व्यापार का विस्तार कर सकेंगे।

गोयल ने विश्वास जताया कि अगली ट्रेड बोर्ड बैठक से पहले, ई-प्लेटफ़ॉर्म 2.0 उन्नत सुविधाओं के साथ तैयार होगा। उन्होंने सभी उपयोगकर्ताओं और हितधारकों से प्लेटफ़ॉर्म के लिए मिली प्रतिक्रियाओं पर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, नया संस्करण हिंदी और कई अन्य भाषाओं में लॉन्च किया जाएगा, ताकि इसका लाभ हर क्षेत्र तक पहुँचे।

केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस डिजिटल पहल से अधिक पारदर्शिता और व्यापारिक सूचना तक सहज पहुंच संभव होगी। गोयल ने यह भी दोहराया कि 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के वस्तुओं और 1 ट्रिलियन डॉलर के सेवा निर्यात का लक्ष्य इस प्लेटफ़ॉर्म की मदद से हासिल होगा।

ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफ़ॉर्म (https://trade.gov.in) विशेष रूप से एमएसएमई सहित भारतीय निर्यातकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के परिदृश्य को बदलने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। यह प्लेटफ़ॉर्म एमएसएमई मंत्रालय, एक्सिम बैंक, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) और विदेश मंत्रालय (एमईए) जैसे प्रमुख भागीदारों के सहयोग से निर्यातकों को व्यापक समर्थन और संसाधन प्रदान करता है।

ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफ़ॉर्म एक वन-स्टॉप समाधान के रूप में काम करता है, जो निर्यातकों को व्यापार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी तक रियल टाइम पहुंच प्रदान करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म व्यापार पेशेवरों से रियल टाइम सलाह, वैश्विक ई-कॉमर्स गाइड और व्यापार समझौतों व टैरिफ की जानकारी भी प्रदान करता है।

इस पहल से भारतीय व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनने और अपने निर्यात बाजारों को विविधीकृत करने में मदद मिलेगी, जिससे समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

 

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