नई दिल्ली: तिरुपति लड्डू विवाद अब सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है। सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने इस संबंध में याचिकाएं दाखिल की हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
इस विवाद की शुरुआत आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों से हुई थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली YSR कांग्रेस सरकार के दौरान तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले प्रसिद्ध लड्डू में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था। इस मुद्दे ने सियासी हलचल मचा दी है, और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है।
याचिका में क्या है?
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में आंध्र प्रदेश सरकार से तिरुपति लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी की विस्तृत फोरेंसिक जांच की मांग की है। राज्य सरकार ने गुजरात की एक प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि लड्डू में इस्तेमाल घी में बीफ टैलो, फिश ऑयल और लार्ड के अंश पाए गए थे। याचिका में कहा गया है कि मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता और उसमें शामिल सामग्रियों की गहन जांच होनी चाहिए।
इस विवाद पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी होंगी।