रांची। झारखंड की राजनीति में ‘टाइगर’ के नाम से विख्यात पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राज्य सरकार में मंत्री पद संभाल रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने आज (बुधवार) अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा, “पहले मैंने सोचा था कि राजनीति से संन्यास ले लूंगा, पर अब मैं एक नया अध्याय शुरू करने जा रहा हूं। हमारा नया राजनीतिक दल बनने जा रहा है, जिसमें आप देखेंगे कि कई नए दोस्त जुड़ेंगे। राज्य की जनता मुझसे बहुत प्यार करती है और ऐसी स्थिति में उन्हें छोड़ना उचित नहीं होगा। मैं राज्य के लोगों के बीच रहकर उनकी सेवा करना जारी रखना चाहता हूं। मैंने अपने छात्र जीवन से झारखंड की धरती पर यहां के लोगों के लिए संघर्ष किया है और यह जारी रहेगा।”
कैसा रहा चंपई सोरेन का अब तक का राजनीतिक सफर?
चंपई सोरेन, झारखंड को नया राज्य बनाने के आंदोलन में अगुआ नेता शिबू सोरेन के सबसे करीबी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक सदस्य रहे हैं। उन्हें उनके दोस्तों और राज्य की जनता के बीच ‘टाइगर’ के नाम से जाना जाता है। अपनी राजनीति की शुरुआत में, चंपई सोरेन पहली बार 1996 में 11वीं बिहार विधानसभा के चुनाव में सरायकेला से विधायक चुने गए थे। 2000 में झारखंड के अलग राज्य बनने से लेकर अब तक वे पांच बार विधायक के रूप में निर्वाचित हुए हैं। चंपई सोरेन राज्य सरकार में तीन बार मंत्री रहे हैं। 31 जनवरी 2024 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद, चंपई सोरेन थोड़े समय के लिए प्रदेश के 7वें मुख्यमंत्री बने थे।
मुख्यमंत्री पद से देना पड़ा था इस्तीफा
हालांकि, हेमंत सोरेन को जमानत मिलने के बाद चंपई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके बाद उन्हें फिर से राज्य सरकार में मंत्री बना दिया गया और हेमंत सोरेन ने एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद, राज्य के राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा तेज हो गई कि JMM पार्टी में हेमंत सोरेन से वरिष्ठ नेता रहे चंपई सोरेन को इस तरह से मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया जाना चाहिए था, जिससे उनका अपमान हुआ है, जबकि राज्य में इस साल के अंत में ही विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं।
चंपई सोरेन ने खुद स्वीकार की यह बात
बाद में चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में स्वीकार किया कि उनके साथ अपमानजनक व्यवहार हुआ और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। जिस बैठक में यह फैसला लिया गया, उसमें उन्हें एजेंडा तक नहीं बताया गया और सीधे इस्तीफा मांगा गया। चंपई सोरेन ने आगे लिखा कि उनके पास तीन विकल्प थे। पहला, वे राजनीति से संन्यास ले लें; दूसरा, किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाएं; और तीसरा, अपनी नई पार्टी बनाने का फैसला करें। उन्होंने तीसरे विकल्प को चुना और अपनी नई पार्टी की घोषणा की। चंपई सोरेन के इस ऐलान से अब झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है, और प्रदेश में राजनीतिक परिदृश्य भी बदलता हुआ दिखाई दे रहा है।