6.1 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली की मांग ने बढ़ाई बिजली कटौती की आशंका
प्रियांश कुकरेजा
इस साल की गर्मी बहुत ज्यादा तेज़ हो रही है, जिससे तापमान लगातार बढ़ रहा है और लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी मुश्किल हो गई है। दोपहर होते ही शहर की सड़कें सुनसान हो जाती हैं क्योंकि लोग गर्मी से बचने के लिए घरों में ही रहने लगते हैं। इस वजह से एसी, कूलर और पंखे ज़्यादा इस्तेमाल होने लगे हैं, जिससे बिजली की खपत बहुत बढ़ गई है। बिजली विभाग के अनुसार पूरे राज्य में बिजली की मांग 6.1 करोड़ यूनिट से भी ज्यादा हो गई है, जो अब तक सबसे ज़्यादा है। इतनी ज़्यादा बिजली की मांग के कारण कई जगहों पर बिजली कटौती हो रही है और लोगों को लाइट नहीं मिल रही। बिजली की मांग बढ़ने के पीछे कई कारण हैं, जैसे ग्लोबल वार्मिंग, तेज़ी से बढ़ती आबादी, शहरों का बढ़ना, और गर्मियों में बिजली के उपकरणों का ज़्यादा इस्तेमाल। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम में अनियमितता बढ़ गई है, जिससे गर्मी और तेज़ हो गई है। तेजी से बढ़ते तापमान के मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैसों का बढ़ना, पेड़ों की कटाई, फैक्ट्रियों और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, और समुद्र व हवा के पैटर्न में बदलाव हैं। बिजली विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे बिजली का इस्तेमाल केवल ज़रूरी कामों के लिए करें और बेवजह बिजली न जलाएं ताकि बिजली सबके लिए पर्याप्त रहे। विभाग ने बिजली कटौती को नियंत्रित करने के लिए योजना बनाई है ताकि बिजली का भार सही तरीके से बाँटा जा सके। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए हमें ऊर्जा बचाने की आदत डालनी होगी, जैसे कि बिजली बचाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करना, सोलर पैनल और पवन ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का अधिक से अधिक उपयोग करना, और स्मार्ट तकनीक के ज़रिए बिजली की आपूर्ति को बेहतर बनाना होगा। साथ ही, हमें अपने शहरों को पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-कुशल बनाना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की बिजली और गर्मी की समस्या से बेहतर तरीके से निपटा जा सके। अगर हम सब मिलकर बिजली बचाएंगे और पर्यावरण का ध्यान रखेंगे, तो हम गर्मी और बिजली की इस बड़ी चुनौती को आसानी से सामना कर पाएंगे।