नई दिल्ली: गुरुवार, 25 जुलाई को लोकसभा में बजट सत्र पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के बीच जमकर बहस हुई। इस बहस के कारण सदन में तनावपूर्ण माहौल बन गया, जिसके परिणामस्वरूप सदन की कार्यवाही लगभग 35 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
बहस की शुरुआत
बजट सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो रही थी। इसी बीच चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू पर कुछ व्यक्तिगत टिप्पणियाँ कर दीं, जिससे स्थिति बिगड़ गई। चन्नी के बयानों से नाराज़ होकर बिट्टू ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और दोनों नेताओं के बीच गरमागरमी बढ़ गई।
विवाद के कारण
व्यक्तिगत टिप्पणियाँ: चन्नी ने केंद्रीय मंत्री पर कुछ निजी टिप्पणियाँ कीं, जिसे लेकर बिट्टू भड़क गए और दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई।
विचारधाराओं का टकराव: दोनों नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर विचारधारात्मक टकराव भी सामने आया, जो इस बहस का प्रमुख कारण रहा।
सदन की कार्यवाही स्थगित
चर्चा के दौरान उत्पन्न हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को लगभग 35 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान सदन के अन्य सदस्य दोनों नेताओं को शांत करने की कोशिश करते नजर आए।
स्पीकर की प्रतिक्रिया
लोकसभा स्पीकर ने इस घटना पर नाराजगी जताई और दोनों नेताओं को संयम बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है और ऐसी घटनाओं से बचना चाहिए।
कांग्रेस और बीजेपी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस: कांग्रेस पार्टी ने इस घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि ऐसी बहसों का सदन में होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पार्टी ने चन्नी से संयम बरतने की अपील की।
बीजेपी: बीजेपी ने इस घटना को कांग्रेस की आंतरिक कमजोरियों का परिणाम बताया और कहा कि उनके नेता इस प्रकार के व्यवहार से अपनी पार्टी की छवि धूमिल कर रहे हैं।
लोकसभा में हुई इस बहस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि राजनीतिक विचारधाराओं का टकराव अक्सर व्यक्तिगत हमलों में तब्दील हो जाता है। इस घटना से यह स्पष्ट है कि नेताओं को सदन में गरिमा बनाए रखते हुए बहस करनी चाहिए, ताकि जनता का विश्वास लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर बना रहे।
इस घटना के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पार्टियाँ इस मुद्दे को किस प्रकार सुलझाती हैं और आगे कैसे कदम उठाए जाते हैं।