लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया जब वहां रेडियोएक्टिव इमरजेंसी का अलार्म सुनाई दिया। तुरंत ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें अग्निशमन सेवा के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं और फ्लोरीन रिसाव का पता लगाया। अग्निशमन विभाग के अनुसार, यह रिसाव एक दवा की पैकेजिंग से हुआ था जिसमें फ्लोरीन मौजूद था। घटना का पता चलने के बाद लीकेज को बंद कर दिया गया और अब हवाई अड्डे पर स्थिति सामान्य है।
कैंसर रोगियों के लिए बनाई जाती है दवा
चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मुख्य परिचालन अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने एक बयान में कहा, “कैंसर रोगियों के लिए दवाइयों से भरी एक खेप ने लखनऊ हवाई अड्डे के कार्गो क्षेत्र में रेडियोधर्मी पदार्थ के लिए अलार्म सक्रिय कर दिया।” अलार्म के बजने के बाद एनडीआरएफ ने जांच कर खेप को सुरक्षित घोषित किया। हवाई अड्डा अधिकारियों ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए और इस घटना से उड़ान संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा। बयान में यह भी कहा गया कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ और जान-माल का कोई खतरा नहीं है। हवाई अड्डे पर परिचालन सामान्य रूप से चल रहा है।
फ्लोरीन से हो सकते हैं गंभीर नुकसान
सेफ्टी डेटा शीट के अनुसार, फ्लोरीन के संपर्क में आने से गंभीर स्वास्थ्य खतरे हो सकते हैं। फ्लोरीन आग का कारण बन सकता है या उसे तेज़ कर सकता है और ऑक्सीडाइजर के रूप में कार्य करता है। इसमें हाई प्रेशर गैस होती है, जो गर्म होने पर फट सकती है। यदि फ्लोरीन सांस के माध्यम से शरीर में चला जाए तो इसके घातक परिणाम हो सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा, फ्लोरीन के संपर्क में आने से त्वचा और आंखों में जलन हो सकती है और इसके लंबे समय तक स्वास्थ्य परिणाम नजर आ सकते हैं।