कुमाऊं विवि स्वर्ण जयंती समारोह
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को कुमाऊँं विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअली प्रतिभाग करते हुए छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने स्वर्ण जयंती समारोह के लिए कुमाऊँ विश्वविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि देश और समाज की उन्नति में योगदान देना आपकी नैतिक जिम्मेदारी है। भारत विश्व गुरु के रूप में अपना स्थान पुनः प्राप्त करने की आकांक्षा रखता है, और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मेहनती, विचारशील और मजबूत नागरिकों के रूप में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
राज्यपाल ने युवाओं से कहा ‘‘अतीत से सीखें, वर्तमान में जिएं, भविष्य के लिए सपने देखें और अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कर्मयोगी की तरह काम करें। 25 वर्षों का ये अमृत काल आपके लिए कर्तव्य-काल भी है। जब आप अपने कर्तव्यों को सर्वाेपरि रखेंगे तो समाज भी आगे बढ़ेगा, देश भी आगे बढ़ेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि एक-एक युवा अपने हर दायित्व को पूरी निष्ठा और सामर्थ्य से पूरा करेगा। सशक्त, समर्थ और सक्षम भारत के संकल्प की सिद्धि से इसी अमृत काल में हम विश्व का भी नेतृत्व करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि आज भारत दुनिया की टॉप फाइव इकॉनमी, दुनिया के टॉप थ्री स्टार्टअप इकोसिस्टम में आया है, आज भारत एक से बढ़कर एक इनोवेशन और रिकॉर्ड पेटेंट फाइल कर रहा है। आज भारत दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बन रहा है, तो इसके पीछे भारत के युवाओं की ताकत है। आपको अमृत काल में भारत को एक नई ऊंचाई पर लेकर जाना है। आप ऐसा काम करिए कि अगली शताब्दी में उस वक्त की पीढ़ी आपको याद करे, आपके पराक्रम को याद करे। उन्होंने विश्वास जताया कि युवाओं का सामर्थ्य, सेवा भाव, देश और समाज को नई ऊंचाई पर ले जाएगा और उनका प्रयास व परिश्रम भारत को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाएगा।
राज्यपाल ने शैक्षणिक उत्कृष्टता और सेवा के 50 वर्ष पूरे होने पर विश्वविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस उल्लेखनीय यात्रा का हिस्सा रहे और इसकी विरासत में योगदान दे रहे सहयोगियों की प्रशंसा की। विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में विभिन्न क्षेत्रों में समकालीन व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक शैक्षणिक विषयों के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाली व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि से सम्मानित होने वाले विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और पूर्व सचिव व विशेष कार्याधिकारी पर्यटन, विभाग उत्तराखंड भास्कर खुल्बे और पद्मश्री डॉ गोवर्धन मेहता को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।