मुंबई: मुंबई में 2008 में हुए 26/11 आतंकवादी हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन-आतंकी तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत लाया जा सकता है। अमेरिका की एक अदालत ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को लेकर फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि अमेरिका-भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत तहव्वुर राणा को भारत के हवाले किया जा सकता है। 15 अगस्त को अपने फैसले में अदालत ने कहा, “भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति देती है।”
अदालत ने खारिज की तहव्वुर राणा की याचिका
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, अपीलीय अदालत ने अपने फैसले में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को प्रत्यर्पित किया जा सकता है। तहव्वुर हुसैन राणा (63) ने कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी और अमेरिका की अपीलीय अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फैसला सुनाया कि आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भागीदारी को लेकर उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। पैनल ने माना कि राणा का कथित अपराध अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आता है।
जल्द भारत आ सकता है आतंकी तहव्वुर राणा
इस फैसले के बाद, तहव्वुर राणा के जल्द भारत प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। तहव्वुर राणा पर 2008 के मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले में वांछित होने का आरोप है। वह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी है और उसे भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकवादी संगठन को मदद देने के गंभीर आरोप हैं। अदालत ने राणा को एक विदेशी आतंकवादी संगठन को सहायता प्रदान करने और डेनमार्क में आतंकवादी हमलों की नाकाम साजिश रचने का दोषी ठहराया है। हालांकि, राणा के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प है और भारत में अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए उसके पास सभी कानूनी विकल्प खत्म नहीं हुए हैं।
पाकिस्तान से आए थे 10 आतंकवादी
साल 2008 में पाकिस्तान से नाव के जरिए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी मुंबई में दाखिल हुए थे। इन आतंकियों ने करीब 60 घंटे तक मुंबई को बंधक बनाए रखा था और 160 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी, जिसमें 26 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इस हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए नौ आतंकियों को मार गिराया, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया, जिसे बाद में फांसी की सजा सुनाई गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के पूर्व चिकित्सा अधिकारी तहव्वुर हुसैन राणा 1990 में कनाडा चले गए थे और शिकागो जाने से पहले कनाडा के नागरिक बन गए थे।