नई दिल्ली। नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) की छठी शासी निकाय की बैठक में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एनएमईटी के प्रदर्शन की व्यापक समीक्षा की गई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने की, जिसमें केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे भी मौजूद थे।
बैठक के दौरान जी. किशन रेड्डी ने एनएमईटी की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट को आधिकारिक तौर पर जारी किया। रिपोर्ट में खनिज अन्वेषण में एनएमईटी की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया और भारत की संसाधन क्षमता को बढ़ाने के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।
एनडीजीआर पोर्टल का संवर्धन:
श्री किशन रेड्डी ने राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक आंकड़ा कोष (एनजीडीआर) पोर्टल को बेहतर बनाने की पहल की है। इस पहल का उद्देश्य भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, हाइड्रोकार्बन निदेशालय और परमाणु ऊर्जा विभाग के बीच भूवैज्ञानिक डेटा साझा करने के लिए सहयोग को सुविधाजनक बनाना है।
प्रतिपूर्ति योजनाएं:
एनएमईटी ने अन्वेषण व्यय की आंशिक प्रतिपूर्ति के लिए एक संशोधित योजना को मंजूरी दी है, जिससे समग्र लाइसेंस धारकों के लिए प्रतिपूर्ति की सीमा ₹8.00 करोड़ हो गई है। इसके अतिरिक्त, छोटी खनन कंपनियों की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, श्री किशन रेड्डी ने अन्वेषण लाइसेंस धारकों के लिए ₹20.00 करोड़ तक की पेशकश की है।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों और स्टार्ट-अप्स के लिए सहायता:
एनएमईटी ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में मानक शुल्क अनुसूची से 1.25 गुना अधिक शुल्क देकर खनिज अन्वेषण को प्रोत्साहित किया है। इसके अलावा, स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई को सहायता प्रदान की जा रही है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन और ड्रोन तकनीक जैसी प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज अन्वेषण के लिए प्रोत्साहन:
श्री किशन रेड्डी ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की खोज में लगी एजेंसियों के लिए 25% अन्वेषण प्रोत्साहन की घोषणा की है। यह प्रोत्साहन इन क्षेत्रों में अन्वेषण प्रयासों को बढ़ावा देने की उम्मीद करता है।
किशन रेड्डी ने राज्यों से एनएमईटी की तर्ज पर लघु खनिजों में अन्वेषण को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना पर विचार करने का आग्रह किया और केंद्र सरकार से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और अन्य खनिज समृद्ध राज्यों में चल रही अन्वेषण परियोजनाओं में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने एनएमईटी की भूमिका की सराहना की और सभी हितधारकों से मिलकर काम करने का आग्रह किया।
इस पहल से भारत के खनिज अन्वेषण क्षेत्र को मजबूत करने, सतत विकास और कुशल संसाधन उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाया गया है। खान मंत्रालय नवाचार को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।