लंदन: वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि इंसान के मरने के बाद भी उसका मस्तिष्क 7 मिनट तक जिंदा रहता है। इन आखिरी मिनटों में मस्तिष्क इंसान की पूरी जिंदगी को एक फिल्म की तरह दोबारा दिखाता है। इस दौरान व्यक्ति अपने सबसे यादगार पलों को फिर से अनुभव करता है। यह खुलासा एक जाने-माने न्यूरोसर्जन डॉ. अजमल ज़ेमर ने किया है।
जीवन स्मरण प्रक्रिया
डॉ. ज़ेमर के अनुसार, मरने के बाद मस्तिष्क जीवन स्मरण नामक एक प्रक्रिया से गुजरता है, जिसमें व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी के यादगार पलों को फिर से जीता है। उनका अध्ययन यह बताता है कि मृत्यु के बाद भी मस्तिष्क कुछ समय तक सक्रिय रहता है और यह अनुभवों को व्यवस्थित करने के लिए प्रोग्राम किया हुआ प्रतीत होता है।
कैसे हुई यह खोज
इस खोज की शुरुआत तब हुई जब मिर्गी से पीड़ित 87 वर्षीय एक मरीज की मस्तिष्क गतिविधि की निगरानी की जा रही थी। उसी दौरान मरीज को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई। यह अप्रत्याशित घटना वैज्ञानिकों को पहली बार मरते हुए मस्तिष्क की गतिविधि रिकॉर्ड करने का मौका प्रदान कर गई।
900 सेकंड की जांच
लुइसविले विश्वविद्यालय के डॉ. ज़ेमर ने बताया कि मृत्यु के समय मस्तिष्क की 900 सेकंड की गतिविधि मापी गई, जिसमें हृदय की धड़कन रुकने से पहले और बाद के 30 सेकंड के दौरान तंत्रिका कंपन के बदलाव देखे गए। इन मस्तिष्क तरंगों को सामान्य रूप से मस्तिष्क की गतिविधि के पैटर्न के रूप में जाना जाता है, जो आमतौर पर जीवित मस्तिष्क में होते हैं।
यह शोध मृत्यु के समय मस्तिष्क में होने वाली गतिविधियों पर नई रोशनी डालता है और यह सवाल उठाता है कि जीवन के बाद के अनुभवों के बारे में हमारी समझ क्या होनी चाहिए।