नई दिल्ली। आज (16 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के गया और पूर्णिया में चुनावी सभा कर रहे है। यह पिछले 13 दिन में पीएम मोदी का बिहार में ये तीसरी दौरा है। इससे पहले पीएम मोदी 4 अप्रैल ने बिहार के जमुई में जनसभा को संबोधित किया था वहीं 7 अप्रैल को नवादा में जनसभा की थी।
वहीं पीएम मोदी के इस दौरे से पहले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उनसे 10 सवाल पूछे हैं। मंगलवार को तेजस्वी यादव से ‘X’ पर लिखकर कहा की ‘प्रधानमंत्री जी का आज फिर बिहार की गौरवशाली धरती पर स्वागत है। आप विगत 10 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री हैं। आशा है अब आप हर नाकामी के लिए विपक्ष को दोष ना देकर निष्पक्षता से सरकार की खामियों का अवलोकन कर उस पर अपना भाषण केंद्रित करेंगे। उम्मीद है आप एकालाप ना कर बिहारी जनमानस के निम्नलिखित वाजिब सवालों का तथ्यात्मक उत्तर अपने भाषण में देंगे।’
जानें क्या हैं तेजस्वी यादव के वो 10 सवाल?
प्रधानमंत्री जी, जब कोई नेता विपक्ष में होता है जब वो आपकी नजर में महाभ्रष्ट होता है लेकिन में आते ही वो ईमानदार कैसे हो जाता है? हजार का घोटाला करने वाले अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल, रेड्डी ब्रदर्स, हेमंत विस्वा शर्मा, मुकुल रॉय, नारायण राणे, अशोक चव्हाण, शुभेंदु अधिकारी और बाकि लोग बीजेपी में शामिल होकर कैसे ईमानदार बन गए?
प्रधानमंत्री जी, विगत चुनावी सभाओं में जब आप कुछ दिन के साथ नहीं थे तब आप नीतीश सरकार में हुए घोटाले की लंबी सूची गिनाते थे. पर क्या आप अब भी मानते है कि वो घोटाले हुए थे? अगर हुए थे तो क्या आपकी सरकार ने कोई जांच क्यों नहीं करवाई?
प्रधानमंत्री जी, क्या आपने द्वारा जारी बिहार के से लेकर तथा से लेकर तक साल दर साल अपराध की विभिन्न श्रेणियों का तुलनात्मक अध्ययन किया है? विशेषत: उन वर्षों का जब आपकी पार्टी यहाँ सरकार में रही है? क्या आप के प्रतिवर्ष के तुलनात्मक आँकड़े देख अपराध और कथित जंगलराज पर भाषण रूपी प्रवचन देना चाहेंगे?
प्रधानमंत्री जी,जब आप बिहार आते है तब भ्रष्टाचार,वंशवाद और विधि व्यवस्था पर वही पुराना कैसेट बजाना क्यों शुरू कर देते है? क्या आप भूल जाते है की वर्षों से अधिक समय से बिहार सरकार में बड़ी भागीदार है? क्या आप नहीं जानते कि में जन्मा बच्चा आज वोटर है? आप उसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य व विधि व्यवस्था एवं नौकरी रोजगार देने की बजाय भूतकाल का भूत इसलिए दिखाते है ताकि वो आपसे नौकरी रोजगार पर सवाल ना कर सके? यह सच बात है ना?
प्रधानमंत्री जी, क्या यह सच है कि आप के संगठित, संस्थानिक और व्यवस्थित भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ही हमेशा विपक्ष को भ्रष्टाचारी बताते है?
प्रधानमंत्री जी, आपने वर्ष क्यों चलवाए तथा उसका सबसे अधिक फ़ायदा को ही क्यों मिला? अगर यह इतना पारदर्शी था तो केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह क्यों कहा कि नागरिकों को राजनीतिक पार्टियों का चुनावी चंदा जानने का कोई अधिकार नहीं है?
आपके अनेक राज्यों के पार्टी प्रत्याशी व सांसद खुलेआम संविधान बदलने के नाम पर वोट माँग रहे है। आपने उन सब पर क्या कारवाई की? इसका मतलब क्या आप भी उनके संविधान बदलने के इरादे का समर्थन करते है? अगर नहीं करते तो उन्हें प्रत्याशी क्यों बनाया गया है?
हमने बिहार सरकार में रहते आरक्षण सीमा % तक बढ़ाई तथा केंद्र सरकार को इसे संविधान की वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था। आपने महीनों बीतने के बाद भी इसे वीं अनुसूची में शामिल क्यों नहीं किया? क्या आप आरक्षण के विरुद्ध है?
प्रधानमंत्री जी, क्या आप देश के सबसे अधिक युवा आबादी वाले प्रदेश बिहार को बतायेंगे कि आपने केंद्र में वर्षों में बिहार के कितने युवाओं को नौकरियां दी? नौकरियों के इंतज़ार में करोड़ों युवा तो हो गए? आपको सांसद जिताने वाले बिहार में आपने अपने गृह राज्य की तुलना में कितनी इंडस्ट्री स्थापित की तथा कितना निवेश किया?
प्रधानमंत्री जी, वर्ष पूर्व आपने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, करोड़ नौकरी प्रतिवर्ष, विशेष पैकेज देने अथवा विशेष ध्यान के साथ विशेष विकास करने का वादा बिहारवासियों से किया था। क्या आप अभी भी उस वादे पर क़ायम है या आपने बिहार पर ध्यान देना छोड़ दिया या में माँगे गए दिन के बाद, दिन फिर महीने, फिर और अब की नई के बाद में उन वादों को पूरा करेंगे