पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को दावा किया कि बिहार में एक और ‘पुल’ ढह गया है. वहीं संबंधित अधिकारी का कहना है कि यह एक अस्थायी संरचना थी जो भारी बारिश में बह गई. तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- बिहार के पूर्वी चंपारण में आज फिर एक पुल और गिरा. सरकार थोड़े गिरी है जो खबर बनेगी? बीते 19 दिनों में यह 13वां भ्रष्टाचारी पुल गिरा है. पुलिया, सड़क और बांध टूटने एवं धंसने के तो मामले अनगिनत हैं.
वीडियो क्लिप में स्थानीय लोगों को मधुबन प्रखंड के अंतर्गत आने वाले एक गांव में हुई इस घटना के लिए दो नंबर का माल (नकली सामग्री) के इस्तेमाल को दोषी ठहराते हुए सुना जा सकता है. पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पुल नहीं था, न ही कोई पुलिया थी.
बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में बिहार के कई जिलों में एक दर्जन से अधिक पुलों के ढहने के कारण अधिकारियों ने कम से कम 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है. बिहार में ढहे पुलों में 23 जून को पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासाहन प्रखंड क्षेत्र का एक पुल, साथ ही 26 जून को मधुबनी जिले में निर्माणाधीन एक-एक पुल शामिल है. इसके अलावा 18 जून को अररिया जिले के परारिया गांव में बकरा नदी पर नवनिर्मित एक पुल भी शामिल है.
हालांकि, ऐसी दुर्घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है पर इन घटनाओं ने राजनीतिक वाद-विवाद को भी जन्म दिया है. जिसमें यादव ने नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा है, लेकिन सत्तारूढ़ राजग ने इसका दोष राजद पर मढ़ते हुए कहा- कि बिहार में राजग की सरकार बनने से पहले ग्रामीण कार्य विभाग उक्त पार्टी के पास था.