देहरादून। 22 जनवरी को जब अयोध्या में भगवान श्री रामचंद्र जी के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तब ताराचंद अग्रवाल अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे थे। जब टीवी में उन्होंने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की झलक देखी प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंचालक रामलला के चित्र की पूजा कर रहे थे तब उनके आंखों पर आंसू थे। क्योंकि उन्होंने 1992 में मंदिर निर्माण के लिए चले आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
देहरादून डोईवाला निवासी ताराचंद अग्रवाल कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। जिनका आज देहरादून में निधन हो गया उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी। मुख्यमंत्री सहित उत्तराखंड सरकार के अनेक मंत्रियों ने शोक प्रकट कर इसे अपूरणीय छति बताया। स्वर्गीय ताराचंद अग्रवाल युवा अवस्था से सामाजिक क्षेत्र से जुड़े रहे। राम मंदिर आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी रही और इस आंदोलन का नेतृत्व करते हुए वह अनेक बार जेल भी गए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बाल्यकल से जुड़े रहे तथा डोईवाला में संघ कार्यों में भी अपने भागीदारी निभाते रहे। ताराचंद अग्रवाल स्वर्गीय मांगेराम अग्रवाल के जेष्ठ पुत्र थे। उत्तराखंड सरकार में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बड़े भाई होने के नाते उन्होंने प्रेमचंद अग्रवाल को राजनीति व सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रियता बनाई रखी है।
2007 में जब प्रेमचंद अग्रवाल को भारतीय जनता पार्टी ने डोईवाला से नहीं बल्कि ऋषिकेश से विधायक का चुनाव लड़ने के लिए कहा तब ताराचंद ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने संपूर्ण क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार कर उन्हें पहली बार विधायक बनने पर जीत दर्ज कराई थी।
वह डोईवाला के सुप्रसिद्ध व्यवसाय में गिने जाते हैं उनके डोईवाला में अनेक प्रतिष्ठान है। आपका संपूर्ण परिवार हिंदुत्व और राष्ट्रीयता के लिए समर्पित रहा। ताराचंद अग्रवाल के निधन पर संपूर्ण क्षेत्र में शोक की लहर है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं अनेक मंत्रियों ने तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी ने ताराचंद के निधन पर शोक प्रकट किया और इसे अपूरणीय छति बताया।