नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. आप की राज्यसभा सांसद स्वाति से मारपीट के आरोप में बिभव कुमार को मई में गिरफ्तार किया गया था. मालीवाल ने आरोप लगाया था कि बिभव कुमार ने उनसे केजरीवाल के घर के अंदर मारपीट की है. मामले की अगली सुनवाई अब 7 अगस्त को होगी.
बिभव कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. बिभव कुमार पर स्वाति मालीवाल को डराने-धमकाने, उसके कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला करने या आपराधिक बल का इस्तेमाल करने और गैर इरादतन हत्या करने के प्रयास के आरोप हैं. उन पर ‘सबूतों को गायब करने और गलत जानकारी देने’ के भी आरोप हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बिभव कुमार को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या इस तरह के गुंडे को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए?’ न्यायमूर्ति सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्जल भुइयां की पीठ ने कुमार की जमानत याचिका अगले बुधवार के लिए सूचीबद्ध की और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि अदालत दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दर्ज की गई घटना के विवरण से हैरान है.
पीठ ने सिंघवी से पूछा कि क्या मुख्यमंत्री आवास एक निजी बंगला है? क्या इस तरह के ‘गुंडे’ को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए?’ सिंघवी ने इस पर कहा कि चोटें गंभीर नहीं थीं और घटना के तीन दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अपनी तीखी टिप्पणियों में, पीठ ने सिंघवी से यह भी पूछा कि राज्यसभा सदस्य मालीवाल का हमले की घटना के दौरान पुलिस हेल्पलाइन पर कॉल करना क्या संकेत देता है. पीठ ने कहा, ‘हम हर दिन भाड़े के हत्यारों, हत्यारों, लुटेरों को जमानत देते हैं, लेकिन सवाल यह है कि किस तरह की घटना….’ पीठ ने कहा कि जिस तरह से घटना हुई, उससे वह परेशान है.
पीठ ने कहा कि उसने ऐसा व्यवहार किया जैसे कोई ‘गुंडा’ मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में घुस आया हो.’ हम हैरान हैं? क्या एक युवती से बात करने का यह तरीका है? उसने (बिभव कुमार ने) अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में बताने के बाद भी मालीवाल के साथ मारपीट की.’ सिंघवी ने पीठ को बताया कि केजरीवाल के राजनीतिक सचिव कुमार पिछले 75 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने कथित तौर पर 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मालीवाल के साथ मारपीट की.