मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सोलापुर दक्षिण सीट पर एक नई राजनीतिक हलचल देखने को मिली है, जहां कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे और उनकी बेटी प्रणीति शिंदे ने निर्दलीय उम्मीदवार धर्मराज कडाड़ी को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। यह सीट उद्धव ठाकरे की शिवसेना द्वारा महाविकास अघाड़ी गठबंधन के हिस्से के रूप में दावेदार अमर पाटिल को दी गई थी, लेकिन शिंदे का यह फैसला सबको चौंका देने वाला है।
सुशील कुमार शिंदे और उनकी बेटी प्रणीति शिंदे जब मतदान करने के बाद बूथ से बाहर आए, तब उन्होंने धर्मराज कडाड़ी के समर्थन का ऐलान किया। इस दौरान शिंदे ने कहा, “मुझे विश्वास है कि धर्मराज कडाड़ी एक अच्छे उम्मीदवार हैं और क्षेत्र के लिए उपयुक्त रहेंगे। पहले दिलीप माने को कांग्रेस से उम्मीदवार बनाया जा रहा था, लेकिन उन्हें एबी फॉर्म नहीं मिला, जिसके बाद हमने धर्मराज कडाड़ी का समर्थन करने का फैसला लिया।”
शिंदे ने इससे पहले भी इस सीट को उद्धव ठाकरे की शिवसेना के खाते में देने पर आश्चर्य जताया था। उनका कहना था कि सोलापुर दक्षिण सीट ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रही है, जहां से वह खुद भी चुने गए थे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य किया था। शिंदे का मानना था कि शिवसेना ने जल्दबाजी में यहां से उम्मीदवार घोषित किया, जबकि इस सीट से उनका दावा बनता नहीं है।
प्रणीति शिंदे ने भी कहा कि यह सीट हमेशा कांग्रेस का गढ़ रही है और यहां से मुख्यमंत्री बनने का अवसर भी कांग्रेस को मिला था। उन्होंने यह भी कहा कि पंढरपुर की तरह इस सीट पर ‘फ्रेंडली मुकाबला’ संभव नहीं था, और ऐसे में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन करने का निर्णय लिया।
यह घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए मोड़ को दर्शाता है, जिसमें कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन के बावजूद सोलापुर दक्षिण सीट पर शिंदे परिवार का यह कदम राजनीति में नई चर्चाओं का कारण बन गया है।