नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन को बड़ी राहत देते हुए मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें तमिलनाडु पुलिस को फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच का निर्देश दिया गया था। इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश भी दिया है।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ईशा फाउंडेशन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। फाउंडेशन के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, यह कहते हुए कि पुलिस द्वारा फाउंडेशन के आश्रम पर बड़ी छापेमारी की गई है।
क्या है मामला?
मामला उस समय चर्चा में आया जब रिटायर्ड प्रोफेसर एस. कामराज ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उनकी बेटियों को ईशा योग केंद्र में अवैध रूप से बंधक बनाया गया है। मद्रास हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 30 सितंबर को पुलिस को जांच के आदेश दिए थे। कामराज का आरोप है कि उनकी बेटियों को ईशा फाउंडेशन ने ‘ब्रेनवॉश’ कर वहां रहने के लिए मजबूर किया और उन्हें अपने परिवार से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल पुलिस को हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत कोई भी कार्रवाई करने से रोका है और मामले की जांच जारी है।
Isha Foundation case hearing in Supreme Court: Supreme Court transfers the case from the Madras High Court to itself and asks the Tamil Nadu police to submit the status report sought by the High Court to the top court.
— ANI (@ANI) October 3, 2024