सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की एनआरआई कोटा अपील खारिज की, धोखाधड़ी करार दिया

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब सरकार को बड़ा झटका देते हुए एनआरआई कोटा विस्तार की अपील को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए इसे “धोखाधड़ी” करार दिया और कहा कि यह केवल “पैसा छापने की मशीन” है। कोर्ट ने एनआरआई कोटे को बंद करने की सख्त टिप्पणी करते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया।

भगवंत मान सरकार को झटका
पंजाब सरकार ने एनआरआई कोटा में विस्तार की अधिसूचना जारी की थी, जिसके तहत दूर के रिश्तेदारों जैसे चाचा-चाची और चचेरे भाइयों को भी शामिल करते हुए मेडिकल कॉलेजों में 15 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था, जिसके खिलाफ पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस अपील को खारिज करते हुए कहा कि इस कोटे का दुरुपयोग किया जा रहा है।

क्या है एनआरआई कोटा?
एनआरआई कोटे के तहत अनिवासी भारतीयों (NRI), भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO) और विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों (NIR) के बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश परीक्षा से छूट दी जाती है। पंजाब सरकार ने इस कोटे का विस्तार करते हुए दूर के रिश्तेदारों को भी शामिल करने का प्रयास किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया।

कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह एनआरआई कोटा केवल एक व्यवसाय बन चुका है और इसे अब बंद किया जाना चाहिए। कोर्ट के इस फैसले के बाद पंजाब सरकार मेडिकल दाखिले में एनआरआई कोटा का दायरा नहीं बढ़ा सकेगी।

 

 

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