नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर को गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनके खिलाफ शुरू हुई मानहानि की कार्यवाही को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। शशि थरूर ने 2018 में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’ के रूप में वर्णित किया था, जिसे लेकर भाजपा नेता ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
इससे पहले हाई कोर्ट ने 16 अक्टूबर, 2020 को आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, लेकिन गुरुवार को न्यायाधीश अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने थरूर की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि कार्यवाही को रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को 10 सितंबर को ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होने का निर्देश भी दिया है।
शशि थरूर ने क्या कहा था?
2018 में बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कथित तौर पर आरएसएस के एक सूत्र का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी को ‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’ कहा था। थरूर ने इसे ‘असाधारण रूप से प्रभावशाली रूपक’ करार दिया था, जिसके बाद भाजपा नेता राजीव बब्बर ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया।
‘करोड़ों शिव भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची’
भाजपा नेता राजीव बब्बर ने अपनी शिकायत में कहा, “मैं भगवान शिव का भक्त हूं… हालांकि, आरोपी (थरूर) ने करोड़ों शिव भक्तों की भावनाओं की पूरी तरह से अनदेखी की और ऐसा बयान दिया जिससे भारत और विदेश में सभी शिव भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची।”
शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले भी थरूर ने ट्रायल कोर्ट के 2019 के उस आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें उन्हें एक आरोपी के रूप में बुलाया गया था और 2 नवंबर, 2018 की शिकायत को खारिज करने की कोशिश की गई थी।