13 युवतियो के धर्मांतरण का लगाया आरोप, मुख्यमंत्री से जांच की मांग की
मथुरा/वृंदावन(सतीश मुखिया)। भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन में साधु-संतों और सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार से मांग की है कि महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ब्यूटी पार्लर जैसे संस्थानों की सघन निगरानी और जांच के लिए विशेष प्रावधान किए जाएं। इनका आरोप है कि ऐसे प्रतिष्ठानों को अब ‘लव जिहाद’ के लिए सॉफ्ट टारगेट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
जिसमे ब्यूटी पार्लर जिहाद ‘ का नया दावा किया गया है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि मुस्लिम युवक महिलाओं को ब्यूटी पार्लर में “प्यार के जाल” में फंसा रहे हैं।यह विषय अत्यंत संवेदनशील है और “पार्लर जिहाद” जैसी शब्दावली एक नए सामाजिक और सांप्रदायिक विमर्श को जन्म देती है, जो पहले से ही चल रहे “लव जिहाद” विवाद का विस्तार प्रतीत होता है।
13 युवतियों के गायब होने की आशंका, मुंबई तक कनेक्शन
संत समाज का दावा है कि मथुरा-वृंदावन क्षेत्र से अब तक 13 से अधिक युवतियों को प्रेम जाल में फंसा कर मुंबई सहित अन्य महानगरों में ले जाया गया, जहां कथित रूप से जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह कराया गया।
“पहले ये युवक स्कूलों और कॉलेजों के बाहर सक्रिय रहते थे, अब इन्होंने ब्यूटी पार्लरों को माध्यम बना लिया है। यहां महिलाएं स्वाभाविक रूप से सहज होती हैं, जिसे भावनात्मक जाल में फंसाने के लिए उपयोग किया जा रहा है।” — हिंदूवादी नेता दिनेश फलाहारी का बयान
PFI कनेक्शन और विदेशी फंडिंग की आशंका
कई संतों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस कथित गतिविधि के पीछे प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हाथ हो सकता है।
युवकों को प्रशिक्षित कर आर्थिक सहायता देने की बात भी कही जा रही है।
इनका मानना है कि यह नेटवर्क मथुरा तक सीमित नहीं है—बिजनौर, सहारनपुर, अमरोहा, रामपुर जैसे ज़िलों में यह सक्रिय है। खासतौर पर नाई के रूप में ये युवक धार्मिक स्थलों के आसपास ब्यूटी पार्लरों में काम कर महिलाओं के संपर्क में आते हैं।
कथावाचक साध्वी सरस्वती दीदी ने कहा—
“लव जिहाद कोई व्यक्तिगत प्रेम प्रसंग नहीं, यह एक सुनियोजित षड्यंत्र है। यह सांस्कृतिक आक्रमण है, जिसका उद्देश्य हिंदू बेटियों को उनके धर्म और परिवार से काट देना है।”
श्रृंगार केंद्र बनते नए सॉफ्ट टारगेट
यहां पर महिलाएं सहज होती हैं और युवक विश्वास बनाकर उन्हें प्रेम जाल में फंसा लेते हैं।
बाद में ये संबंध विवाह और धर्मांतरण तक पहुंचते हैं।
हिंदूवादी नेता दिनेश फलाहारी ने कहा—
“यह कोई सामान्य प्रेम-प्रसंग नहीं है, बल्कि एक सामाजिक षड्यंत्र है। जिस थाली में खा रहे हैं, उसी में छेद कर रहे हैं।”*
संत समाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर निम्न मांगे रखीं:
सभी ब्यूटी पार्लरों में कार्यरत स्टाफ का पुलिस सत्यापन लाइसेंस अनिवार्य किया जाए।
लव जिहाद के मामलों पर कठोर विशेष कानून बनाया जाए।
धर्मांतरण मामलों की जांच एसटीएफ या एटीएस से कराई जाए।
सभी पार्लरों में सीसीटीवी कैमरे और रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो। लाइसेंस की शर्तें तय की जाएं।
नाई समाज का बिजनौर-सहारनपुर से सक्रिय गैंग
इन जिलों से भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहाँ मुस्लिम युवक नकली पहचान बनाकर हिंदू युवतियों से संबंध बनाते हैं।
जब सच्चाई सामने आती है, तो कई युवतियाँ मानसिक तनाव या सामाजिक दबाव में टूट जाती हैं।
इन युवकों द्वारा नाई समाज की आड़ में ब्यूटी पार्लर में काम करना, उन्हें महिलाओं के करीब आने का अवसर देता है—जिसका वो भरपूर लाभ उठा रहे हैं।