1038 वाहनों की आधुनिक पार्किंग सुविधा
राफ्टिंग हब बनेगा ऋषिकेश
ऋषिकेश। आइकॉनिक सिटी योजना के तहत ऋषिकेश गंगा कोरिडोर परियोजना के पहले चरण की शुरुआत आज भव्य रूप से हुई। मुख्यमंत्री ने राफ्टिंग बेस स्टेशन और बहुमंजिला कार पार्किंग एवं कार्यालय भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास कर क्षेत्र को आधुनिक पर्यटन, यातायात और प्रशासनिक संरचना की ओर एक नई दिशा दी।
राफ्टिंग बेस स्टेशन शिवपुरी से मुनिकीरेती तक विकसित किया जाएगा, जिसके लिए भारत सरकार ने 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की है। परियोजना को 2 वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
नगर निगम ऋषिकेश की 10,441 वर्गमीटर भूमि पर लगभग 136 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली बहुमंजिला पार्किंग में 1,038 वाहनों के लिए स्थान होगा। इसके साथ ही नगर निगम, जल संस्थान और यूपीसीएल के कार्यालयों का भी एक ही परिसर में निर्माण किया जाएगा, जिससे नागरिकों को विभागीय कार्यों के लिए एक ही स्थान पर सुविधा मिलेगी।
इस बहुमंजिला संरचना में अग्निशमन सुरक्षा, सीसीटीवी, एक्सेस कंट्रोल, वर्षा जल संचयन, सोलर लाइट, लिफ्ट और हरित क्षेत्र जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रस्तावित हैं। इस परियोजना के पूर्ण होने से चारधाम यात्रा के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या में काफी हद तक राहत मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नगर निगम ऋषिकेश अंतर्गत लगभग 1.51 करोड़ रुपये के विभिन्न कार्यों का लोकार्पण किया। इसके साथ ही पर्यावरण मित्रों को मेडिकल किट व यात्री मित्रों को किट वितरित की गई। इस अवसर पर हाइड्रोजेल वाटरलेस टॉयलेट का भी उद्घाटन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राफ्टिंग बेस स्टेशन बनने से राफ्टिंग गतिविधियों से जुड़े स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। राफ्टिंग स्टेशन में पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं, बोर्डवॉक और विश्राम स्थल विकसित किए जाएंगे। राफ्टिंग मार्गों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी, एसओएस अलार्म और आपातकालीन सहायता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि ऋषिकेश में 1,600 करोड़ रुपये से अधिक की विकास योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे निर्माण की दिशा में भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। जल आपूर्ति सुधार के लिए 557 करोड़ और सीवर लाइन के लिए 183 करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्रगति पर हैं।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि वर्ष में एक दिन सभी लोग मिलकर तिरंगे के साथ गंगा में राफ्टिंग करें, जिससे राष्ट्रभक्ति का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत हो सके। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायकगण प्रेमचंद अग्रवाल, रेणु बिष्ट, मेयर शंभु पासवान, प्रमुख सचिव मीनाक्षी सुंदरम, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
ऋषिकेश की बदलती तस्वीर: गांव से ग्लोबल तक
ऋषिकेश, जो विश्वभर में धार्मिक, योग, साहसिक और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए विख्यात है, अब एक स्मार्ट पर्यटन नगरी बनने की ओर अग्रसर है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि जनसामान्य को आवश्यक प्रशासनिक सेवाओं की सहज उपलब्धता भी सुनिश्चित करना है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
स्थान: नगर निगम, ऋषिकेश की भूमि (लगभग 10441.27 वर्ग मीटर)
प्रस्तावित लागत: रु. 135.99करोड़
पार्किंग क्षमता: लगभग 1038 वाहनों की बहुमंजिला पार्किंग सुविधा (5+7 मंजिलें)
कार्यालय भवन: नगर निगम ऋषिकेश, जल संस्थान, UPCL, व अन्य विभागों के लिए आधुनिक भवन
आधुनिक व्यवस्थाएं: अग्निशमन सुरक्षा, सीसीटीवी, पीए सिस्टम, एक्सेस कंट्रोल, डाटा नेटवर्क, लिफ्ट, वर्षा जल संचयन, सोलर लाइट्स, हरित क्षेत्र, सब स्टेशन आदि
एक ही परिसर में नागरिकों को बहु-विभागीय सेवाओं की सुविधा
आर्थिक लाभ: पर्यटन से जुड़े स्थानीय व्यवसायों को मिलेगा सीधा लाभ, बढ़ेगा रोजगार
प्रमुख संरचनात्मक विवरण:–
भूतल (स्टिल्ट): 4494.03 वर्गमीटर
प्रथम व द्वितीय तल: 4127.00 वर्गमीटर प्रति तल
तृतीय से सप्तम तल: 4127.00 वर्गमीटर प्रति तल
स्टाफ क्वार्टर (G+2): 1166.70 वर्गमीटर
संपूर्ण स्थल पर प्रवेश द्वार, बैरियर, बाउंड्री वॉल, सेप्टिक टैंक, यूजीटी टैंक, सब स्टेशन, हरित क्षेत्र आदि प्रस्तावित
चारधाम यात्रा के दौरान ऋषिकेश में यातायात का दबाव कम होगा
पर्यटकों को बेहतर पार्किंग सुविधा व मार्गदर्शन मिलेगा। नगर निगम और अन्य कार्यालयो तक आमजन की पहुँच सुगम होगी। ऋषिकेश का विकास एक संगठित और टिकाऊ नगरी के रूप में होगा।