2014 के बाद माओवाद प्रभावित आंचल के निवासी पहली बार डालेंगे वोट

नई दिल्ली। देश में अब भी कई इलाके ऐसे हैं जहां के निवासी स्वतंत्र रूप से वोट देने के अधिकार से वंचित हैं. ऐसी ही एक जगह ओडिशा में भी. ओडिशा के मलकानगिरी जिले के चित्रकोंडा ब्लॉक में माओवाद प्रभावित स्वाभिमान आंचल के निवासी भी इस साल पहली बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए स्वतंत्र रूप से अपने वोट देने के अधिकार का प्रयोग करेंगे. माओवाद प्रभावित स्वाभिमान आंचल इलाका पहले वामपंथी उग्रवादियों (एलडब्ल्यूई) का गढ़ माना जाता था. यहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए 9 ग्राम पंचायतों के गांवों में 30 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

मलकानगिरी के सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस नितेश वाधवानी ने कहा, 2008-09 में इस क्षेत्र में माओवादी गतिविधियां चरम पर थी. 2018 तक आधा क्षेत्र संपर्क से बाहर था. इन चुनावों में हर उस जगह पर बूथ स्थापित किए गए हैं जो कभी बेहद प्रभावित थे. 30 से ज्यादा ऐसे बूथ हैं जो अपने बेल्ट में थे ही नहीं. 2014 में एक समय ऐसा भी आया था जब ईवीएम भी छीन ली गई थीं और चुनाव बेहद कठिन थे.

ओडिशा में चौथे पांचवें छठे और सातवें चरण में 13, 20, 25 मई और 1 जून को वोट डाले जाने हैं. पूरे राज्य में कुल 21 लोकसभा सीटे हैं. चौथे चरण में 4सीटों पर, पांचवें चरण में 5 सीटों पर, छठे और सातवें चरण में छह-छह सीटों पर वोट डाले जाएंगे.

 

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