उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 30 हजार 400 स्वयंसेवकों का पंजीकरण, आज अंतिम तारीख

ऐतिहासिक प्रतिक्रिया से इस मुख्य आयोजन के लिए युवाओं का अभूतपूर्व समर्थन

देहरादून। उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल, 2025 में स्वयंसेवक कार्यक्रम के आधिकारिक पंजीयन प्रक्रिया के अवधि में 30000+ पंजीकरणों के साथ समाप्त होगा। पंजीकरण अवधि 9 नवंबर, 2024 को प्रारम्भ किया गया था जिसे 8 जनवरी, 2025 शाम 05 बजे समाप्त किया जाएगा । पंजीयन के दौरान उत्तराखंड के युवाओं द्वारा इस प्रमुख आयोजन की सफलता में योगदान हेतु उल्लेखनीय उत्सर्ग देखा गया।
स्वयंसेवक किसी भी प्रमुख खेल आयोजन के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आवेदकों की यह संख्या उत्तराखंड में आयोजित होने वाले पहले राष्ट्रीय खेलों के लिए एक आशाजनक शंखनाद का संकेत देती है।

राज्य भर से आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल से आवेदकों की संख्या में सर्वोच्च रही। आवेदन प्रक्रिया सम्पन्न होने के साथ-साथ, अगला पड़ाव इस महत्वपूर्ण -कार्यक्रम में उनकी भूमिकाओं के लिए उन्हें तैयार करना, चयनित स्वयंसेवकों को व्यापक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने जैसे पड़ाव पर केंद्रित है। स्वयंसेवक अनुभवात्मक कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलाया जा रहा है, जिसमें उत्तराखंड खेल विभाग के अनुभवी विशेषज्ञ रोज़ाना पाँच प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन कर रहे हैं। इन सत्रो में लगभग 2,500 स्वयंसेवक प्रतिदिन प्रशिक्षण ले रहे हैं।

राष्ट्रीय खेलों के लिए वॉलिंटियर्स पंजीकरण में जिस तरह प्रदेश के युवाओं ने उत्साह दिखाया है उससे इस आयोजन को लेकर व्यापक जन भागीदारी का हमारा प्रयास सफल होता दिख रहा है । कल पंजीकरण का अंतिम दिन है और मुझे उम्मीद है की अंतिम दिन भी बड़ी संख्या में युवा अपना पंजीकरण करेंगे । इनमें से चयनित वालंटियर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे हमारे प्रदेश में आने वाले खिलाड़ी और दूसरे मेहमान यहां से बहुत अच्छी यादें लेकर जाएं।- रेखा आर्या , खेल मंत्री, उत्तराखंड

मुख्य बातें:
उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल के लिए 30,000+ स्वयंसेवकों ने पंजीकरण कराया।
पंजीयन प्रक्रिया 9 नवंबर, 2024 से 8 जनवरी, 2025 तक चलेगी ।
आवेदकों की बड़ी संख्या खेलों के लिए स्वयंसेवी के समर्थन को दर्शाती है।
स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्रगति पर है, जिसमें प्रतिदिन 2,500 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल में आवेदकों की संख्या सबसे अधिक थी।

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